रेलगाड़ियों में बिना एसी वाले जनरल क्लास (General Class Train Coach) की बोगी अब जल्दी ही इतिहास की बात हो जाएगी. रेल मंत्रालय लंबी दूरी वाली यात्रा आसान बनाने के लिए जनरल कोच को वातानुकूलित यान में बदलने जा रहा है. ये नए इकोनॉमी एसी कोच नई पटरियों पर आधुनिक तकनीक से कदम-ताल करते हुए 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से भाग सकते हैं. अब यही रफ्तार और एसी की सुविधा सेकेंड क्लास जनरल कोच में भी मिलेगी.ग
रेल मंत्री का पद भार संभालते ही अश्विनी वैष्णव ने यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाकर रेल यात्रा को ज्यादा लोकप्रिय और सुखद बनाने का संकल्प लिया था. उसी सिलसिले में ये कदम उठाए गए हैं. उम्मीद है कि अगले महीने से इसकी शुरुआत हो जाएगी. रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अभी जरनल सेकेंड क्लास कोच में करीब 100 यात्री बैठ सकते हैं. इन कोचेज को बनाने की लागत करीब 2.24 करोड़ रुपये प्रति कोच आती है. वहीं, नए जनरल सेकेंड क्लास कोच में इससे भी अधिक यात्री बैठ सकेंगे. नए कोच 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक की स्पीड से दौड़ सकेंगे. जबकि पुरानी चाल के नॉन-एसी कोच अधिकतम 110 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ही चल सकते हैं. रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम आगे बढ़ चला है. इन कोचेज में सफर सस्ता होगा. इससे उन यात्रियों का सफर आसान होगा जो वातानुकूलित यान में सफर करने के लिए महंगी टिकटें नहीं खरीद सकते. यानी गरीब रथ जैसा किराया देकर वो जनरल कोच में सफर कर सकते हैं. मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इन कोचेज़ में सौ से सवा सौ यात्रियों की बैठने की क्षमता होगी. पूरी तरह रिजर्व सीटों वाले कंपार्टमेंट सेंसरयुक्त ऑटोमेटिक खुलने बंद होने वाले दरवाजों से लैस होंगे.
फर्स्ट एसी से लेकर जनरल क्लास एसी तक ये डिब्बे पंजाब के कपूरथला की रेलवे कोच फैक्ट्री में बनाए जा रहे हैं. राजधानी, शताब्दी और वंदे भारत जैसी प्रीमियर ट्रेन के अलावा अन्य ट्रेनों में कोविड संकट से पहले इस्तेमाल होने वाले अनारक्षित कोच अब आरक्षण युक्त और एसी सर्विस से लैस होंगे ताकि आम रेल यात्री बिना जेब हल्की किए किसी भी मौसम में सुकून भरा सफर कर सकें.
हाल ही में रेलवे ने इकोनॉमी क्लास में थ्री टियर एसी सुविधा वाली यात्रा शुरू की थी. अब जनरल क्लास में भी टिकट रिजर्व कराकर एसी सफर किया जा सकेगा. रेलवे ने करीब पांच साल पहले 2016 में जनरल सेकेंड क्लास कोच को अपग्रेड कर अनारक्षित श्रेणी के यात्रियों के लिए दीन दयालु कोच की शुरुआत की थी.
दीन दयालु कोच में यात्रियों को लगेज रैक, पैडेड सीट, कोच हुक, आक्वा गार्ड स्टाइल वाला वॉटर फिल्टरेशन सिस्टम, बायो टॉयलेट, अधिक मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, टॉयलेट बिजी होने वाले इंडिकेटर, पानी के लेवल का इंडिकेटर जैसी सुविधाएं दी गई थी. अब उससे भी कुछ कदम आगे के सफर पर रेल विभाग बढ़ चला है.