Frooti, Tropicana, Slice, Real और Maaza जैसे सॉफ्ट और जूस ड्रिंक को लेकर बड़ी खबर

Update: 2022-05-22 12:47 GMT

नई दिल्ली: हो सकता है आने वाले दिनों में आपको 10 रुपये वाली फ्रूटी या कोई और जूस ड्रिंक दिखना बंद हो जाए या इनके दाम बढ़ जाएं. अब आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों?

तो हम आपको बता दें कि देश में 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने जा रहा है. इसका मतलब ये हुआ कि अभी हम जो प्लास्टिक की चम्मच, कटोरी, कप और गिलास से लेकर स्ट्रॉ तक इस्तेमाल करते हैं, इन सभी पर बैन लग जाएगा. ऐसे में सॉफ्ट ड्रिंक बनाने वाली कंपनियों को 10 रुपये वाले पैक की कीमत बढ़ने या इसे बंद करने की चिंता सताने लगी है.
ईटी की एक खबर के मुताबिक अभी Frooti, Tropicana, Slice, Real और Maaza जैसे सॉफ्ट और जूस ड्रिंक को कंपनियां 10 रुपये की कीमत पर ट्रेटा पैक में बेचती हैं. इनके साथ एक स्ट्रॉ भी दी जाती है, ताकि ग्राहक को जूस पीने में आसानी हो. अब जब स्ट्रॉ बैन होने जा रही है तो कंपनियों के सामने इसका कोई उपयुक्त विकल्प नहीं है.
एक विकल्प पेपर स्ट्रॉ का है, लेकिन भारत में इतने बड़े पैमाने पर पेपर स्ट्रॉ का निर्माण नहीं होता है, जो इन कंपनियों की आपूर्ति कर सके. इसलिए कंपनियों को इसका इंडोनेशिया, चीन और मलेशिया से आयात करना होगा, और इससे उनकी लागत बढ़ जाएगी. इससे कंपनियों को डर है कि उन्हें '10 रुपये' के मांग वाले मार्क से या तो ऊपर जाना होगा या इस पैक को बंद करना होगा.
अगर कंपनियां पेपर स्ट्रॉ को आयात करती हैं, तो उनकी लागत 278% तक बढ़ जाएगी. जबकि स्टार्च से बनने वाली कंपोस्टेबल स्ट्रॉ लाने पर लागत 259% तक बढ़ जाएगी.
आज तक की खबर के मुताबिक Frooti ब्रांड की मालिक कंपनी Parle Agro ने सरकार से इस बैन को 6 महीने आगे खिसकाने की मांग की है. कंपनी की सीईओ एस. चौहान का कहना है कि इसको फिलहाल टालने से पैकेजिंग कंपनियों को घरेलू स्तरपर पेपर स्ट्रॉ बनाने के लिए उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में मदद मिलेगी.
अभी Dabur, Parle Agro, Coca Cola और Pepsico मिलकर हर साल देश में प्लास्टिक स्ट्रॉ वाले 6 अरब जूस बॉक्स बेचती हैं. कंपनियों की जूस सेल का करीब 60% इन्हीं छोटे पैकेट की सेल से आता है.
पर्यावरण मंत्रालय ने अगस्त 2021 में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर बैन लगाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था. इसके बाद देश में 1 जुलाई 2022 से सभी सिंगल यूज प्लास्टिक बैन हो जाएंगी.

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