छोटे शहरों में Cryptocurrency को लेकर देखे जा रहे बड़े सपने, जानिए महिलाएं भी कर रही हैं निवेश

कोरोना काल में टायर-2 और टायर-3 शहरों में क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आकर्षण बहुत तेजी से बढ़ा. क्रिप्टो एक्सचेंजों का भी कहना है कि छोटे शहरों का ग्रोथ रेट ज्यादा है.

Update: 2021-09-20 03:32 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर क्रेज लगातार बढ़ रहा है, इसमें कोई दो राय नहीं है. चौंकाने वाली बात ये है कि बड़े शहरों के मुकाबले छोटे शहरों में डिजिटल असेट के प्रति लोगों की दिलचस्पी ज्यादा दिख रही है. कोरोना काल में टायर-2 और टायर-3 शहरों में क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आकर्षण बहुत तेजी से बढ़ा. क्रिप्टो एक्सचेंजों का भी कहना है कि छोटे शहरों का ग्रोथ रेट ज्यादा है.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रेंड को देखते हुए क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने ग्रामीण और अर्बन इंडिया पर फोकस बढ़ाया है. वहां निवेशकों की तलाश की जा रही है और उन्हें आकर्षित करने का प्रयास हो रहा है. क्रिप्टो में निवेश करने वाले ज्यादातर यूथ हैं. क्रिप्टो निवेशकों की औसत उम्र लगातार घट रही है, जबकि औसत निवेश बढ़ रहा है.
ज्यादातर निवेशक यूथ
डिजिटल असेट के लिए एक्सचेंज WazirX ने कहा कि उसके प्लैटफॉर्म पर ऐवरेज इन्वेस्टर्स और यूजर्स 35 साल से कम के हैं. इस साल टायर-2 और टायर-3 शहरों में साइन अप के मामले में 2600 फीसदी से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया है. इस प्लैटफॉर्म पर इस साल अब तक जितने नए यूजर्स आए हैं, उनमें से आधे से ज्यादा तो इन छोटे शहरों से हैं.
छोटे शहरों से ज्यादा आ रहे नए निवेशक
अन्य क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों का भी यही कहना है. उनके मुताबिक, पटना, अहमदाबाद, भोपाल, वडोदरा, कोलकाता जैसे शहरों से ज्यादा इन्वेस्टर्स जुड़ रहे हैं. नए यूजर्स की बात करें तो ज्यादातर आईटी प्रोफेशनल्स, एमबीए ग्रैजुएट, इंजीनियर्स और स्टार्टअप ओनर्स हैं. अब तक भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टो में 15 हजार करोड़ के करीब निवेश किया है.
महिला इन्वेस्टर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है
ज्यादा यूजर्स को लुभाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज SIP की भी सुविधा देने लगे हैं. पिछले साल तक भारत में क्रिप्टो यूजर्स की संख्या करीब 50 लाख थी जो अब बढ़कर 1.5 करोड़ पर पहुंच गई है. इसके अलावा महिला इन्वेस्टर्स की संख्या में भी तेजी आ रही है. पिछले साल महिला निवेशकों करीब 15 फीसदी थीं. अब ये करीब 30-40 फीसदी तक हैं.


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