नई दिल्ली: विस्तारा एयरलाइंस पर एविएशन रेग्युलेटर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. मामला बिना किसी प्रशिक्षण के पहले अधिकारियों को दिए गए टेकऑफ और लैंडिंग क्लीयरेंस के उल्लंघन से जुड़ा बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इंदौर में विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट को बिना किसी प्रशिक्षण के उतारा जा रहा था. इस चूक के लिए एयरलाइंस पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
दरअसल, एयरलाइंस कंपनी विस्तारा पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए DGCA ने सेफ्टी नियम को तोड़ने का आरोप लगाया है. DGCA ने बताया कि जरूरी ट्रेनिंग के बिना ही विस्तारा एयरलाइंस की ओर से टेक ऑफ और लैंडिंग का क्लियरेंस दे दिया जाता था.
बता दें कि सिम्युलेटर में एयरक्राफ्ट को लैंड करने से पहले ऑफिसर को ट्रेनिंग दी जाती है. उसी तरह, लैंडिंग से पहले ऑफिसर की तरह ही कैप्टन को सिम्युलेटर में ही ट्रेनिंग दी जाती है. आरोप है कि एयरक्राफ्ट को ऑफिसर और कैप्टन को सिमुलेटर में ट्रेनिंग के बिना ही लैंड करा दिया जाता था. ऐसे में ऑनबोर्डिंग के समय हादसे की आशंका होती है.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 30 मई को स्पाइसजेट पर भी 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. अप्रैल में डीजीसीए ने स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस भेजा था, जिसके जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर यह कार्रवाई हुई थी.
दरअसल, डीजीसीए ने अप्रैल में स्पाइसजेट के 90 पायलटों को मैक्स विमान के संचालन से रोक दिया था, क्योंकि उन्हें एक सिम्युलेटर पर प्रशिक्षित किया गया था, जिसमें सह-पायलट के पक्ष में इसका स्टिक शेकर निष्क्रिय था. स्टिक शेकर, जब भी पता चलता है कि विमान हवा के बीच में रुका हुआ है तो पायलटों को चेतावनी देता है.
ऐसे में कहा गया कि एयरलाइन द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण उड़ान सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, जिसको देखते हुए इसे रद्द कर दिया गया है. इसलिए, डीजीसीए ने स्पाइसजेट पर अपने मैक्स विमान के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए एक खराब सिम्युलेटर का उपयोग करने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.