अच्छी किस्मों का चयन कर गोभी की खेती से बढ़िया मुनाफा, ऐसे करें इनकी रोकथाम

अगर सही समय पर गोभी की फसल में लगने वाले कीटों की पहचान कर ली जाए तो उनका प्रबंधन भी किया जा सकता है

Update: 2021-10-17 06:45 GMT

ठंड शुरू होते ही बाजार में गोभी की सब्जियों की आवक शुरू हो जाती है. ठंड भर इसकी खूब मांग रहती है और किसानों को इसकी खेती से बढ़िया मुनाफा भी होता है. लेकिन दूसरी फसलों की तरह गोभी पर कीटों का प्रकोप देखने को मिलता है. कीट पूरी की पूरी फसल को चट कर जाते हैं.

अगर सही समय पर गोभी की फसल में लगने वाले कीटों की पहचान कर ली जाए तो उनका प्रबंधन भी किया जा सकता है. आइए जानते हैं गोभी की फसलों में लगने वाले कीट और उनकी रोकथाम के तरीकों के बारे में.
कीट का नाम: पत्ता गोभी का शिर बेधक कीट
लक्षण: सुंडी गोभी की नई बढ़ती पत्तियों को खाती हैं. जब पौधों का मुख्य भाग नष्ट हो जाता है तो सुंडी पत्तियों की ऊपरी सतह पर आ जाती है और पुरानी पत्तियों को खाती है.
प्रभावित भाग: तने का ऊपरी मुख्य भाग
प्रबंधन
• गोभी के शिर बेधक कीट के प्रबंधन के लिए नीम तेल (1500 पीपीएम) का 5 मिली / लीटर का छिड़काव करें.
• बरसात के मौसम में नर्सरी में दिखाई देने वाले तना छेदक की रोकथाम के लिए क्यूनालफास 25 ईसी का 2 मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें.
पहचान: वयस्क कीट में तीन हीरे के आकार के पीले रंग के धब्बे दोनों उपरी पंखों को मिलाने पर पीछे के तरफ दिखाई देते हैं, इसलिए इसका नाम 'डायमंड बैक मोथ' है.
लक्षण: युवा सुंडी पत्ती को काटकर खाती हैं, जिस कारण पत्तियों पर सफेद धब्बे हो जाते हैं. युवा लार्वा पत्तियों में छोट-छोट छेद बनाते हैं.
प्रभावित भाग: पत्तियाँ
प्रबंधन
• हीरक पृष्ठ शलभ कीट के प्रबंधन के लिए बेसिलस थ्रूजायनसिस का 5% डब्ल्यूपी का 1 मिली / लीटर की दर से छिडकाव करे।
• गोभी के हीरक पृष्‍ठ शलभ कीट (DBM) को प्रबंधन करने के लिए फेरोमोन @ 5 ट्रैप / हेक्टेयर सेट करें।
• गोभी के हीरक पृष्‍ठ शलभ कीट (DBM) के लिए प्रकाश जाल @ 3 बल्ब / एकड़ स्थापित करें।
• हीरक पृष्ठ शलभ के नियंत्रण के लिए आरंभिक अवस्था (रोपाई के 18-25 दिन बाद) में एनएसकेई 5 प्रतिशत का छिड़काव करें। 10-15 दिन के अन्तराल पर प्रति पौधा कीट दो से अधिक संख्या होने पर यह छिड़काव दोहराएं। एक फसल मौसम में अधिक से अधिक 3-4 एनएसकेई छिड़कावों की आवश्यकता होती है।
• गोभी के हीरक पृष्‍ठ शलभ कीट के प्रबंधन लिए, नीम तेल (1500 पीपीएम) का 5 मिली / लीटर का छिडकाव करे।
• हीरक पृष्ठ शलभ के नियंत्रण के लिए आवश्यकता होने पर नोवेल्यूरान 10 ईसी का 1 मिली प्रति लीटर या स्पाइनोसैड 2.5 एससी का 1.2 मिली प्रति लीटर या इमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी का 0.3 ग्राम प्रति लीटर या साइन्ट्रानिलिप्रोल 10.26 ओडी का 1.2 मिली / लीटर अथवा क्लोरएन्ट्रानीलीप्रोल 18.5 एससी का 0.1 मिली प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें।
कीट का नाम: तम्बाकू की सुंडी
प्रभावित भाग: पत्तियाँ
पहचान: सुंडी भूरे रंग से गहरे हरे रंग की होती है और इनके शरीर के किनारों पर गहरी अनुदैर्ध्य पट्टी होती है. वयस्क कीट भूरे रंग का तथा ऊपरी पंखों पर लहरदार सफेद चिह्न पाये जाते हैं, नवजात लार्वा झुण्ड में रहने वाले होते हैं.
लक्षण: ये पत्ती के हरे पदार्थ को खुर्चते हैं और बाद की अवस्था मे कोमल पत्तियों पर एपिडर्मिस को छोड़ते हुए पत्तियों को खाते हैं जिससे पत्तियां सफेद पड़ जाती हैं.
प्रबंधन
• तम्बाकू की सुंडी के नियंत्रण के लिए आरंभिक अवस्था (रोपाई के 18-25 दिन बाद) में एनएसकेई 5 प्रतिशत का छिड़काव करें. 10-15 दिन के अन्तराल पर प्रति पौधा कीट दो से अधिक संख्या होने पर यह छिड़काव दोहराएं. एक फसल मौसम में अधिक से अधिक 3-4 एनएसकेई छिड़कावों की आवश्यकता होती है.
• तम्बाकू की इल्ली के अण्ड समूहों तथा लार्वों को एकत्रित करके नष्ट करें.
• वयस्क भृंगों की क्रिया की निगरानी तथा इनके झुंडों को पकड़ने के लिए 10 ट्रैप प्रति हेक्टेयर की दर से फिरोमान ट्रैप लगाएं.
• जब सुण्डियां युवा हों तो एसएलएनपीवी (2×109 पीओबी) का 250 एलई प्रति हे की दर से छिड़काव करें.
• तम्बाकू की इल्ली के नियंत्रण के लिए साईएन्ट्रानीलीप्रोल 10.26 ओडी का 1.2 मिली प्रति लीटर की दर से आवशयकता होने पर छिड़काव करें या कार्बारील 5 डीपी का 20 किग्रा/ हे की दर से प्रयोग करें.
चेंपा कीट
ये कीट पत्तियों का रस चूस लेते हैं जिसके परिणामस्वरूप, पौधे छोटे रह जाते हैं और बन्ने वाले फूलों का आकार छोटा रह जाता है. चेंपा कीट काले रंग का मल छोड़ते हैं जो कि पौधे को चिपचिपा बनाता है और काली परत के साथ शूटी मोल्ड विकसित करता है.
प्रभावित भाग: पत्तियाँ
प्रबंधन
• चेंपा कीट के नियंत्रण हेतु पौध रोपण के 15 दिन पश्चात् नीम अर्क 5 प्रतिशत का छिड़काव करें.
• पंख वाले चेंपा को फसाने के लिए पीले चिपचिपे ट्रैप लगाएं.
• चेंपा कीट के लिए बंदगोभी की प्रत्येक 25 पंक्तियों के बाद फंदा फसल के रूप में सरसों की एक कतार उगाएं (बंदगोभी की रोपाई के 15 दिन पूर्व सरसों की एक कतार बोई जाती है तथा बंदगोभी की रोपाई के 25 दिन बाद दूसरी कतार बोई जाती है). खेत में पहली और आखिरी कतार सरसों की होनी चाहिए. सरसों की फसल जैसे ही अंकुरित हो उस पर 0.1 प्रतिशत की दर से डाइक्लोरोवास 76 ईसी या क्यूनालफास 25 ईसी का 1.5 मिली प्रति ली. जल के साथ छिड़काव करें.
• गोभी के चेंपा कीट के प्रबंधन के लिए नीम तेल (1500 पीपीएम) का 5 मिली / लीटर का छिड़काव करें.
• आवश्यकता पड़ने पर चेंपा कीट के नियंत्रण हेतु डाइमेंथोएट 30 ईसी का 1.32 मिली/लीटर या मैलाथियन 50 ईसी का 2 मिली/लीटर या एसीटामिप्रिड 20 एसपी का 0.15 ग्राम/लीटर या साइन्ट्रानिलिप्रोल 10.26 ओडी का 1.2 मिली/लीटर या फोसालोन 35 ईसी का 2 मिली/लीटर की दर से छिड़काव करें.
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