Drone उड़ाने से पहले जान लें उसके कानून, जाने किन्हें है परमीशन की जरूरत
यूं तो ड्रोन भारत के लिए नई चीज नहीं है, लेकिन पिछले 2 दिन से भारत में इसकी खूब चर्चा हो रही है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 से 29 मई तक चलने वाले ड्रोन महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर इसके महत्व के बारे में बताया था.
यूं तो ड्रोन भारत के लिए नई चीज नहीं है, लेकिन पिछले 2 दिन से भारत में इसकी खूब चर्चा हो रही है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 से 29 मई तक चलने वाले ड्रोन महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर इसके महत्व के बारे में बताया था. उनके इस बयान के बाद जहां विपक्ष इसे लेकर उनकी खिंचाई कर रहा है, तो दूसरी ओर आम लोग ड्रोन के बारे में बहुत कुछ जानना चाह रहे हैं. इस खबर में हम आपको ड्रोन की पॉलिसी से जुड़ी हर जानकारी विस्तार से बताएंगे.
हाल ही में ड्रोन पॉलिसी में हुआ है बदलाव
आपने शादी की पार्टी से लेकर दूसरे अवसरों पर ड्रोन से वीडियो रिकॉर्डिंग देखी होगी. या फिर आपने ड्रोन से सामान की डिलिवरी के बारे में भी सुना होगा. इसके अलावा पुलिस द्वारा इसका इस्तेमाल पैट्रोलिंग के लिए भी किया जाता है, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर आम लोगों के लिए इसे यूज करना इतना आसान नहीं है. इसके लिए कुछ नियम हैं, जिसका पालन न करने की वजह से लगातार पुलिस कार्रवाई करती थी. हालांकि समय के साथ और लोगों की मांगों को देखते हुए सरकार ने ड्रोन से जुड़ी पॉलिसी में कई बदलाव किए हैं.
इस ड्रोन को उड़ा सकते हैं
इंडिया में मौजूदा समय में 5 तरह के ही ड्रोन मिलते हैं. इनमें पहला है नैनो ड्रोन जिसकी वजन क्षमता 250 ग्राम से कम होती है. दूसरा है माइक्रो ड्रोन, जिसकी वजन क्षमता 2 किलोग्राम से कम और 250 ग्राम से अधिक होती है. इसकी तीसरी कैटेगरी है स्मॉल ड्रोन, जिसकी क्षमता 2 किलोग्राम से लेकर 25 किलोग्राम तक है. इसके बाद चौथे नंबर पर आता है मीडियम ड्रोन, जिसकी क्षमता 25 किलोग्राम से लेकर 150 किलोग्राम तक है. पांचवें नंबर पर है बड़ा ड्रोन, जिसकी वजन क्षमता 150 किलोग्राम से लेकर इससे ऊपर तक है.
किन्हें है परमीशन की जरूरत
भारत सरकार ने ड्रोन से जुड़ी हर जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए इसकी एक वेबसाइट ही बना दी है. आपको वेबसाइट https://digitalsky.dgca.gov.in/home पर जाकर इससे जुड़े हर सवाल का जवाब मिल जाएगा. इस वेबसाइट पर आपको एरियो स्पेस मैप मिलेगा. मैप पर ग्रीन, यलो और रेड जोन का जिक्र मिलेगा. यहां इस बात की भी जानकारी होगी कि आप कहां ड्रोन उड़ा सकते हैं और कहां पर नहीं. ये भी बताया गया होगा कि किस जोन के लिए परमीशन की जरूरत होती है और किसके लिए नहीं. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए कई परमीशन की जरूरत नहीं होगी. इसके अलावा ऐसे लोग जो नैनो ड्रोन उड़ाना चाहते हैं, उन्हें यूआईएन (UIN) की जरूरत नहीं होगी. माइक्रो ड्रोन उड़ाने के लिए भी रिमोट पायलट लाइसेंस जरूरी नहीं है, लेकिन माइक्रो से ऊपर वाले हर ड्रोन के लिए आपको लाइसेंस और यूआईएन लेना होगा.
अब यूआईएन को समझें
अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये यूआईएन क्या है. दरअसल, यूआईएन की फुल फॉर्म है Unique Identification Number. यह यूनिक नंबर हर ड्रोन यानी Unmanned Aircraft System को दिया जाता है. यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे नए वाहनों को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की तरफ से नंबर दिया जाता है. आपको ये भी बता दें कि यूआईएन नंबर के लिए आपको कुछ चार्ज देना पड़ता है. आप डिजिटल स्काई वेबसाइट पर जाकर इसके लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और 100 रुपये की फीस देकर यूआईएन नंबर हासिल कर सकते हैं.
बड़े ड्रोन के लिए ट्रेनिंग
अगर आप बड़ा ड्रोन उड़ाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेनिंग लेनी होगी. यह ट्रेनिंग डीजीसीए के अधिकृत केंद्रों पर मिलेगी. ट्रेनिंग के लिए 1000 रुपये की ऐप्लिकेशन फीस देनी होगी. अगर योग्यता की बात करें तो इस ट्रेनिंग के लिए आपका 10वीं पास होना और 18 साल से ऊपर होना अनिवार्य़ है.