इन मोबाइल Apps को डाउनलोड करने से पहले पढ़ लें ये खबर
पिछले कुछ सालों में मोबाइल ऐप्स(Apps) जरिए पैसे का लेनदेन करना बेहद आसान हो गया है. बड़े से लेकर छोटे पेमेंट भी लोग आजकल चंद सेकंड में मोबाइल के जरिए कर लेते हैं.
पिछले कुछ सालों में मोबाइल ऐप्स(Apps) जरिए पैसे का लेनदेन करना बेहद आसान हो गया है. बड़े से लेकर छोटे पेमेंट भी लोग आजकल चंद सेकंड में मोबाइल के जरिए कर लेते हैं. इस मोबाइल क्रांति के साथ ही पिछले कुछ सालों में मोबाइल ऐप के जरिए फोन पर लोन मिलने के ऐप भी ऐक्टिव हो गये हैं. फोन पर ही आजकल चंद सेकंड में लोन लीजिए के विज्ञापन तक नजर आ जाते हैं. मोबाइल के प्लेस्टोर में इंस्टैंट लोन देने वाले सैकड़ों मोबाइल ऐप्स मौजूद हैं.
मिनटों में खाता हो जाएगा खाली?
मिनटों में हज़ारों रुपये का लोन देने का वादा करने वाले ये मोबाइल ऐप्स असली में चीन का चलाया गया एक एजेंडा और साजिश है. इन ऐप पर तुरंत लोन देने का झांसा दिया जाता है. बिना किसी कागज के लोन देने का वादा करने वाले ये मोबाइल ऐप चीन के रहमों कर्म पर चलते हैं या फिर ऐसा कह सकते हैं कि उनकी देख-रेख में चलते हैं.
दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे ही देशभर में लोगों को परेशान करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये इंस्टैंट लोन देने वाले ऐप असल में यूजर्स का डेटा चीन मौजूद सर्वर्स को भेजते थे. फिर इन लोन के लिए अप्लाई करने वाले लोगों के नम्बर को भारतीय ठगों को देकर लोगों को अलग-अलग तरह से लूटने तक पहुंचा देते थे. लोन के केवाईसी करते समय पीड़ितों से उनकी कांटेक्ट लिस्ट, चैट्स, इमेज समेत अन्य महत्वपूर्ण डाटा का एक्सेस मांगा जाता है. इसकी अनुमति दिए बगैर केवाईसी होता ही नहीं है. जरूरी डाटा लेने के बाद उसे चीन भेज दिया जाता था.
फर्जी ऐप से रहें बचकर
सामने आया है कि इस इंस्टैंट लोन के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े में चीन के नागरिक भी शामिल हैं. इन पैसों को क्रिप्टोकरेंसीज के जरिए चीन भेजा जाता था और यूजर्स के निजी डेटा प्राइवेसी के साथ छेड़छाड़ की जाती थी. ऐसे 100 से ज्यादा ऐप की मदद से लोगों के 500 करोड़ रुपये लूटे जा चुके हैं. चीन और हांगकांग की लोन ऐप से यूजर की जानकारी चीन पहुंचती है और फिर यही जानकारी यानी यूजर का डाटा कॉल सेंटर को भेज दिया जाता है. जिसके बाद यह कॉल कर पीड़ितों से रकम वसूलकर उनको ब्लैकमेल करते हैं.
22 जालसाजों की गिरफ्तारी
अगर ग्राहक लोन नहीं चुका पाता तो इसके लिए वे ग्राहकों की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर अश्लील तस्वीर बना ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठ लेते हैं. जिन लोगों को छोटे लोन पांच या दस हजार की जरूरत होती है, वह गूगल पर ऐसे ऐप को ढूंढते हैं और इस चंगुल में फंस जाते हैं. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (IFSO) ने 60 दिनों तक अलग-अलग राज्यों में चले ऑपरेशन के बाद इस गिरोह को पकड़ लिया है. दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह गिरोह कस्टमर को कॉल करके इंस्टैंट लोन ऐप पर पहुंचे लोगों को ऊंचे रेट पर लोन दे रहे हैं और पेमेंट के बाद भी पैसे की मांग कर धमकाते हैं. पुलिस ने देशभर के अलग-अलग राज्यों से कुल 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस फ्रॉड से जुड़े जालसाजों ने पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में अपने कॉल सेंटर खोल रखे हैं.