कोई भी प्रोपटी या घर खरीदने से पहले लोग दे रहे हैं इस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान, जानें

देश में घर खरीदने की योजना बना रहे करीब 80 प्रतिशत खरीदार पूरी तरह तैयार हो चुके मकान या ऐसे फ्लैट जिनका निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है

Update: 2021-09-04 05:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में घर खरीदने की योजना बना रहे करीब 80 प्रतिशत खरीदार पूरी तरह तैयार हो चुके मकान या ऐसे फ्लैट जिनका निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है उन्हें ही खरीदना चाहते है, जबकि करीब 20 फीसद ग्राहक नई शुरू होने वाली परियोजनओं में फ्लैट खरीदने की इच्छा रखते हैं। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और संपत्ती सलाहकार एनरॉक के एक सर्वेक्षण के अनुसार घर खरीदने वाले संभावित ग्राहकों सबसे पहले मूल्य को तवज्जो देते हैं उसके बाद डेवलपर की विश्वसनीयता, परियोजना का डिजाइन और उसका स्थान उनके लिये महत्वपूर्ण होता है। सीआईआई और एनरॉक ने इस वर्ष जनवरी से जून के दौरान यह ऑनलाइन सर्वेक्षण किया जिसमें 4,965 लोगों ने भाग लिया।

सर्वेक्षण में पाया गया कि 32 प्रतिशत संभावित घर खरीदारों की पसंद पहले से तैयार घर खरीदने की हैं तथा 24 प्रतिशत खरीदार ऐसी संपत्ति खरीदने के लिए तैयार है, जो छह महीने तक बन कर तैयार हो जाएगी। वही 23 फीसदी लोग एक साल के भीतर तैयार होने वाली संपत्तियां खरीदने से भी गुरेज नहीं करेंगे। सर्वेक्षण में केवल 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे केवल नयी शुरू होने वाली परियोजनाओं में फैट खरीदना चाहेंगे। सीआईआई और एनरॉक ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने घर खरीदने वाले लोगों की प्राथमिकताओं को महत्वपूर्ण रूप से बदल दिया है, जिसका मुख्य कारण कोरोना की दूसरी लहर रही है।
 एनरॉक ने एक बयान में कहा, ''पहली बार किफायती आवास लोगों की सबसे कम प्राथमिकता है। सर्वेक्षण में 34 प्रतिशत से अधिक खरीदारों ने उन संपत्तियों को खरीदने पर ध्यान केंद्रीय किया है, जिनकी कीमत 90 लाख से 2.5 करोड़ रुपये के बीच है। सर्वेक्षण में देखा गया कि 35 प्रतिशत खरीदारों ने 45 से 90 लाख रुपये के बीच की संपत्ति खरीदने की इच्छा प्रकट की है। केवल 27 प्रतिशत खरीदारों ने किफायती (45 लाख रुपये से नीचे) संपत्ति खरीदने का समर्थन किया है। इससे पिछले वर्ष की दूसरी छमाई में किये गए सर्वेक्षण में करीब 36 प्रतिशत घर खरीदने की इच्छा रखने वालों ने किफायती संपत्ति खरीदने पर जोर दिया था। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले लोगों के मुताबिक आकर्षक दाम उनके लिये सबसे ज्यादा मायने रखता है। उसके बाद परियोजना के डेवलपर की साख दूसरी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सर्वेक्षण में 77 प्रतिशत लोगों ने यह राय व्यक्त की है।


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