बिहार 40वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बना नंबर-1, हासिल किया गोल्ड पुरस्कार

आयोजित 40वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार नंबर 1 बना है

Update: 2021-11-27 12:44 GMT
दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 40वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) में बिहार नंबर 1 बना है. अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में सजे बिहार पवेलियन को गोल्ड पुरस्कार हासिल हुआ. प्रगति मैदान में आयोजित विशेष कार्यक्रम में बिहार को गोल्ड पुरस्कार दिया गया. बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हर मोर्चे पर बिहार आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि बिहार के हस्तशिल्पियों और बुनकरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये बहुत बड़ा सम्मान मिला है. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य के पारंपरिक उद्योगों से लेकर हर तरह के उद्योगों का सर्वांगीण विकास हो रहा है. देश के कई राज्यों और दूसरे देशों की भी प्रदर्शनी के बीच गोल्ड हासिल कर नंबर 1 बनना बिहार के लिए बड़ी बात है. ये सभी राज्यवासियों के लिए गौरव का विषय है. उन्होंने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और जिद है कि हर मोर्चे पर सफलता हासिल करनी है. बिहार उद्योग में भी नंबर वन बनेगा.
'कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिला प्रोत्साहन'
व्यापार मेले में 24 राज्यों की प्रदर्शनी लगी थी. साथ ही कुछ प्रदर्शनी विदेशों से भी थे. इन सभी प्रदर्शनियों में बिहार नंबर 1 बना है. बिहार की तरफ से ये पुरस्कार रेजिडेंट कमिश्नर पलका साहनी और उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक अशोक सिन्हा ने प्राप्त किया.
बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार के हस्तशिल्पियों और बुनकरों द्वारा बनाई गई चीजें कारीगरी, सौंदर्य और गुणवत्ता में अंतरराष्ट्रीय स्तर की है और इसीलिए देश विदेश के लोंगों को खूब पसंद आई. बिहार पवेलियन में दर्शकों की जबरदस्त आवाजाही रही. उन्होंने कहा कि बिहार पैवेलियन को मिला गोल्ड पुरस्कार न सिर्फ बिहार का सम्मान है बल्कि इससे बिहार के ग्रामीण इलाकों में पूरी निष्ठा से, मेहनत और लगन से पारंपरिक हुनर, लोक कला संस्कृति को आगे बढ़ाने में जुटे हस्तशिल्पियों और बुनकरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिला और वो अब और तेजी से आगे बढ़ेंगे.
दिल्ली में 14 नंवबर से 27 नंवबर तक चलने वाले 40वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार ने अपने पैवेलियन को 41 स्टॉल्स से सजाए, जिसमें बिहार के पारंपरिक लोक कला संस्कृति की झलक पेश करने वाले बेहतरीन उत्पाद देखने में मिले. बिहार पवैलियन में सुप्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी की मधुबनी पेंटिंग और उनके द्वारा दी जाने वाली मधुबनी पेंटिग की जीवंत प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रहीं तो बिहार के अन्य हिस्सों में बनने वाली लोक कलाकृतियां और बिहार के पारंपरिक उद्योगों द्वारा निर्मित चीजें लोगों को खूब पंसद आई.
'बुनकरों को देश-विदेश में मिल रही पहचान'
बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार की लोककलाकृतियों ने हमेशा राज्य को गौरवांवित किया है. बिहार के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कारीगरों, बुनकरों के हुनर को देश-विदेश में पहचान मिल रही है, इससे बिहार के ग्रामीण इलाकों के लोगों के आगे बढ़ने के लिए और नई संभावनाएं पैदा होंगी. उन्होंने कहा कि बिहार पैवेलियन ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बिहार के आत्मनिर्भर गांव की तस्वीर पेश की है और आत्मनिर्भर गांव के जरिए कैसे आत्मनिर्भर बिहार का लक्ष्य हासिल हो सकता है, उसकी मिसाल पेश की है.

बिहार पवेलियन की सबसे बड़ी खासियत रही कि यहां पर्यावरण अनुकूल चीजों का इस्तेमाल किया गया, जिसने इसे अन्य राज्यों के पवेलियन से अलग बनाया. इसके अलावा बिहार पवेलियन में आने वाले हर दर्शक को ऐसा महसूस हुआ कि वो वाकई में बिहार के किसी मेले में पहुंच गया है, जहां एक ओर मधुबनी पेंटिंग, मंजुषा पेंटिंग देखने और खरीदने का मौका मिला तो दूसरी ओर बिहार की पहचान भागलपुरी सिल्क की साड़ी व सूट, मटका सिल्क साड़ी व सूट, भागलपुरी चादर, एप्लिक वर्क समेत हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम के बेहतरीन उत्पाद देखने को मिले.
बिहार पवेलियन में हैंडीक्राफ्ट और आर्टिफिशियल ज्वेलरी देखने मिली तो राज्य पुरस्कार से सम्मानित विक्रम चक्रवर्ती सिल्क का शॉल लेकर आए और उन्हें इस शॉल के लिए ही राज्य पुरस्कार मिला है. संगीता देवी मधुबनी पेंटिंग, कमला देवी एप्लिक वर्क, राजकुमार लाल मधुबनी पेंटिंग, माला गुप्ता सिल्क प्रोडक्ट, रंजीत हैंडलूम उत्पाद, वैष्णवी मंजुषा समूह हैंडलूम पर मंजुषा कला से बने उत्पाद बिहार पवेलियन में लेकर आया.
बिहार पवेलियन में 6 स्टार्टअप को मिली जगह
बिहार पवेलियन में पटना के 'जूटेक' द्वारा निर्मित जूट के बने उत्पाद दिखे तो मोहम्मद जाहिद लेदर के समान लेकर आए. यही नहीं दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 40वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार के लोगों की आस्था से जुड़ी चीजें और विशिष्ट खान पान की भी झलक दिखीं. संजय गुप्ता ठेकुआ, गुड़ के लड्डू, कचरी-तिलौरी आदि लेकर आए.
कुल मिलाकर पूरे बिहार को एक छत के नीचे देखना और उनके उत्पादों को खरीदना दर्शकों को एक अलग अनुभव देने में सफल रहा. बिहार पवेलियन ने युवाओं को भी अपनी तरफ खूब आकर्षित किया जिन्होंने मिथिला पेंटिंग के सामने जमकर सेल्फी ली.
बिहार पवेलियन में बिहार की कला संस्कृति की झलक देखने को मिली तो यहां के युवाओं द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप के तहत तैयार किए गए उत्पादों को भी जगह मिली. ये युवा कल को देश में ही नही विदेशों में भी अपना परचम लहराएंगे. इस पवेलियन में इस बार बिहार के 6 स्टार्टअप को जगह मिली जो राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर तरह की सहायता प्रदान करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है.
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