ओमिक्रोन के प्रसार में कमी के कारण बासमती चावल के निर्यात में हुई वृद्धि

महाराष्ट्र में कोरोना के नए रूप ओमिक्रोन का कृषि निर्यात पर असर पड़ा था.लेकिन अब जोखिम कम हो गया है और इसका चावल के निर्यात पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.निर्यातकों के मुताबिक नवंबर के मुकाबले जनवरी में 15 से 20 फीसदी ज्यादा वृद्धि रही व्यापारियों का कहना है कि इतना ही नहीं, कीमतों में भी 500 रुपये का भी इजाफा हुआ है.

Update: 2022-02-22 06:22 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट (Omicron) का कृषि निर्यात पर असर पड़ा था. तो वहीं अब ओमिक्रोन के प्रसार में कमी के कारण बासमती चावल (Basmati rice) के एक्सपोर्ट में वृद्धि हो रही है.कोरोना काल ने न केवल कृषि व्यवसाय को प्रभावित किया था, बल्कि चावल के निर्यात को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुचा था, साथ ही उत्पादन में भी गिरावट देखी जा रही थी. लेकिन अब जैसे-जैसे का ओमिक्रोन प्रचलन कम होता जा रहा है और बासमती चावल का निर्यात बढ़ रहा है चावल निर्यातकों (Exporters) के मुताबिक नवंबर के मुकाबले जनवरी में वृद्धि 15 से 20 फीसदी ज्यादा रही व्यापारियों का कहना है कि इतना ही नहीं, कीमतों में भी 500 रुपये का इजाफा हुआ है.नवंबर के महीने में ओमिक्रोन बढ़ते प्रकोप के कारण बासमती चावल कि मांग घाट गई थी,लेकिन अब सब कुछ ठीक बताया जा रहा है.

निर्यातकों के सामने वास्तव में क्या थी समस्या
कोरोना के बढ़ते प्रसार के बावजूद कई देश बाजारों को बचाए रखने में सफल रहे लेकिन नवंबर में ओमिक्रोन का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा था इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई जहां एक ओर लॉकडाउन डर था तो वही दूसरी ओर परिवहन व्यवस्था भी बाधित हो गई थी.जिससे सभी को नुकसान हो रहा था.लेकिन अब सब यातायात सामान्य हो गया है जिससे व्यपारी राहत महसूस कर रहे है.
बाज़ारों में चावल के कौन सी किस्म मांग बढ़ रही है
चावल की नौवीं किस्म बाजार में आ रही है इसके बावजूद पारंपरिक किस्म 1121 की काफी मांग है चावल की किस्में 1401,1509 भी दुनिया में लोकप्रियता हासिल कर रही हैं अमेरिका से पारंपरिक चावल की मांग बढ़ रही है खाड़ी देशों से चावल की 1121 किस्मों की मांग बढ़ रही है जहां चावल की मांग बढ़ रही है, वहीं बासमती चावल की कीमत 10,000 क्विंटल से बढ़कर 10,500 हो गई है.
बासमती और चावल की अन्य किस्मों की मांग
जहां कोरोना का प्रसार कम हो रहा है वहीं बाजार के लेन-देन में सुधार हो रहा है वही चावल पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है निर्यातकों ने कहा कि बासमती चावल की कीमत पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ी है और चावल की अन्य किस्मों की मांग भी बढ़ रही है.व्यपारियों ने उम्मीद जताई है की आने वाले समय में और भी अच्छा दाम मिल सकता हैं.


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