ओमिक्रोन के प्रसार में कमी के कारण बासमती चावल के निर्यात में हुई वृद्धि
महाराष्ट्र में कोरोना के नए रूप ओमिक्रोन का कृषि निर्यात पर असर पड़ा था.लेकिन अब जोखिम कम हो गया है और इसका चावल के निर्यात पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.निर्यातकों के मुताबिक नवंबर के मुकाबले जनवरी में 15 से 20 फीसदी ज्यादा वृद्धि रही व्यापारियों का कहना है कि इतना ही नहीं, कीमतों में भी 500 रुपये का भी इजाफा हुआ है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट (Omicron) का कृषि निर्यात पर असर पड़ा था. तो वहीं अब ओमिक्रोन के प्रसार में कमी के कारण बासमती चावल (Basmati rice) के एक्सपोर्ट में वृद्धि हो रही है.कोरोना काल ने न केवल कृषि व्यवसाय को प्रभावित किया था, बल्कि चावल के निर्यात को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुचा था, साथ ही उत्पादन में भी गिरावट देखी जा रही थी. लेकिन अब जैसे-जैसे का ओमिक्रोन प्रचलन कम होता जा रहा है और बासमती चावल का निर्यात बढ़ रहा है चावल निर्यातकों (Exporters) के मुताबिक नवंबर के मुकाबले जनवरी में वृद्धि 15 से 20 फीसदी ज्यादा रही व्यापारियों का कहना है कि इतना ही नहीं, कीमतों में भी 500 रुपये का इजाफा हुआ है.नवंबर के महीने में ओमिक्रोन बढ़ते प्रकोप के कारण बासमती चावल कि मांग घाट गई थी,लेकिन अब सब कुछ ठीक बताया जा रहा है.