सितंबर तिमाही में बैंक के परिचालन लाभ में 21 प्रतिशत की आई गिरावट...

यस बैंक के नए मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक प्रशांत कुमार ने पीटीआई को बताया है

Update: 2020-10-30 06:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| यस बैंक के नए मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक प्रशांत कुमार ने पीटीआई को बताया है कि बैंक अपनी 50 शाखाओं को युक्तिसंगत बनाने के प्रयास के तहत बंद कर देगा. बैंक के इस कदम से वित्त वर्ष 2021 में इसके समग्र नेटवर्क में कमी आएगी क्योंकि ये कोई अन्य नई शाखा नहीं खोलने जा रहा है. कुमार ने मार्च में ही बैंकिंग व्यवसाय के मामलों की जिम्मेदारी संभाली है

यस बैंक में लागत नियंत्रण की संस्कृति का अभाव है और नए प्रबंधन के तहत निजी क्षेत्र का यह बैंक चालू वित्त वर्ष 2020-21 में परिचालन खर्च में 20 प्रतिशत की कटौती का लक्ष्य लेकर चल रहा है. यस बैंक के नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक निदेशक प्रशांत कुमार ने कहा, ''बैंक पट्टे पर लिए गए गैरजरूरी स्थलों को वापस कर रहा है. साथ ही वह किराये वाली जगहों पर किराया दरें नए सिरे से तय करने के लिए बातचीत कर रहा है

कुमार ने कहा कि बड़े चूककर्ता अदालतों की शरण में जा रहे हैं जिससे मुंबई के इस बैंक को ऋण वसूली में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यस बैंक के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी राणा कपूर के कार्यकाल में कामकाज के संचालन में कई खामियां सामने आने के बाद भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में बैंकों के गठजोड़ ने बैंक में पूंजी डॉलकर इसे 'बचाया' था. उसके बाद मार्च में कुमार को बैंक का नया प्रमुख नियुक्त किया गया था.

सितंबर तिमाही में बैंक के परिचालन लाभ में 21 प्रतिशत की गिरावट आई थी. कुमार ने कहा, ''दुर्भाग्य की बात यह है कि बैंक में लागत पर कोई नियंत्रण नहीं है.'' उन्होंने बताया कि एक वैश्विक परामर्शक ने चालू वित्त वर्ष में 2019-20 की तुलना में परिचालन खर्च में 20 प्रतिशत की कमी लाने के लिए कदम-दर-कदम एजेंडा सुझाया है.

कुमार ने कहा कि बैंक ने मध्य मुंबई के इंडियाबुल्स फाइनेंस सेंटर में पहले ही दो फ्लोर छोड़ दिए है. इसके अलावा बैंक सभी 1,100 शाखाओं के लिए किराये पर नए सिरे से बातचीत कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से बैंक को किराये में करीब 20 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है. परिचालन को तर्कसंगत बनाने के कदम के तहत बैंक 50 शाखाओं को भी बंद कर रहा है. कुमार ने कहा कि कई शाखाएं बिल्कुल पास-पास स्थित हैं. ऐसे में ये आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि एटीएम की संख्या को भी सुसंगत किया जा रहा है.

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