लोन मोराटोरियम को लेकर अभी तक बैंकों को नहीं मिला सरकार से रिफंड, इंडियन बैंक एसोसिएशन पहुंचा वित्त मंत्रालय

सभी बैंकों ने लोन मोराटोरियम के दौरान इंट्रेस्ट ऑन इंट्रेस्ट का बोझ ग्राहकों से वापस ले लिया था.

Update: 2021-05-23 12:34 GMT

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सभी बैंकों ने लोन मोराटोरियम के दौरान इंट्रेस्ट ऑन इंट्रेस्ट का बोझ ग्राहकों से वापस ले लिया था. उस समय सरकार ने कहा था कि वह कम्पाउंड इंट्रेस्ट की राशि बैंकों को वापस करेगी जिसका अभी तक भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में बैंकों की तरफ से इंडियन बैंक एसोसिएशन यानी IBA ने वित्त मंत्रालय से संपर्क साधा है. कोरोना महामारी के बीच मार्च से अगस्त 2020 के बीच छह महीने के लिए लोन मोराटोरियम की घोषणा की गई थी. मोराटोरियम पीरियड का फायदा जिन लोगों ने उठाया, उन्हें इतने दिनों के लिए इएमआई से राहत मिल गई थी.

नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने 2 करोड़ से कम लोन मामले में मोराटोरियम पीरियड के दौरान इंट्रेस्ट पर इंट्रेस्ट माफ करने का फैसला किया था. मार्च 2021 में इसे 2 करोड़ से ज्यादा लोन के लिए भी लागू किया गया. कम्पाउंड इंट्रेस्ट सपोर्ट स्कीम के तहत सरकार को वित्त वर्ष 2020-21 में बैंकों को करीब 5500 करोड़ रुपए देने हैं. इस स्कीम का फायदा उन लोगों को भी मिला जिन्होंने मोराटोरियम का लाभ नहीं लिया था.
अभी तक सकारात्मक बातचीत नहीं
पंजाब एंड सिंध बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर एस कृष्णन ने कहा कि इस स्कीम के तहत बैंक को करीब 30 करोड़ मिलेंगे. बता दें कि इस मामले को बैंकों की तरफ से IBA देख रहा है और सरकार से लगातार संपर्क में है. इस मामले को लेकर वित्त मंत्रालय का क्या रिएक्शन है इसको लेकर IBA का कहना है कि अभी तक कोई सकारात्मक बातचीत नहीं हुई है.
मोराटोरियम वालों को भी मिलेगा इसका लाभ
आईबीए का कहना है कि मार्च 2021 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला जो आया था वह केवल उन लोगों के लिए था जिन्होंने मोराटोरियम का फायदा उठाया था. ऐसे में पब्लिक सेक्टर बैंकों को स्कीम के तहत करीब 2000 करोड़ रुपए मिलने की संभावना है.
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