वीपीएन (VPN) यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क. VPN सर्विस एक आम यूजर से लेकर छोटे या बड़े बिजनेस की प्राइवेसी के लिए बेहद जरूरी है. उदाहरण के तौर पर अगर आप वीपीएन यूज करते हैं तो हैकर्स, टेलीकॉम प्रोवाइडर या किसी भी थर्ड पार्टी एजेंसी के लिए ये जानना लगभग नामुमकिन होता है कि आप इंटरनेट पर क्या कर रहे हैं. ऐसे में आपकी पहचान से लेकर सोशल मीडिया और बैंक अकाउंट्स भी सेफ रहते हैं वीपीएन के कई फायदे और भी है. उदाहरण के तौर पर अगर कोई वेबसाइट टेलीकॉम कंपनी की तरफ से बैन है तो उसे ऐक्सेस किया जा सकता है. ओटीटी पर भारत में आप दूसरे देशों के कंटेंट आराम से देख सकते हैं.
एक और उदाहरण से समझ सकते हैं. अगर आप भारत में Netflix यूज कर रहे हैं तो आप अमेरिकी नेटफ्लिक्स के कंटेंट भी देख सकते हैं. हम आगे भी इसके फायदों के बारे में आपको बताएंगे.
क्या भारत में बैन किया जा रहा है VPN?
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार भारत में जल्द ही वीपीएन बैन कर सकती है. ये रिपोर्ट हाल के पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी के एक पिटिशन के बाद आई है. कमिटी की तरफ से कहा गया है कि भारत सरकार को देश से वीपीएन बैन कर देना चाहिए. इसके पीछे दलील ये दी गई है कि वीपीएन यूज करने से देश को खतरा हो सकता है. कमिटी की तरफ से कहा गया है कि साइबर क्रिमिनल्स इसका गलत फायदा उठा सकते हैं. यहां ये भी कहा गया है कि वीपीएन सर्विस देश में आसानी से उपलब्ध हैं.
पार्लियामेंट्री कमिटी ने गृह मंत्रालय से कहा है कि भारत से वीपीएन हमेशा के लिए बैन कर देना चाहिए. मीडियानामा की रिपोर्ट के मुताबिक इस कमिटी ने गृह मंत्रालय को सलाह दी है कि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और इंरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ मिल कर देश भर में वीपीएन को ब्लॉक कर दिया जाए. जैसा की हमने वीपीएन के कई फायदे ऊपर भी बताए हैं. वीपीएन यूज करके यूजर्स साइबर क्रमिनिल्स बच सकते हैं. उदाहरण के तौर पर आप अगर वाईफाई से कनेक्ट हो कर इंटरनेट यूज कर रहे हैं तो हैकर्स स्निफिंग टूल के जरिए काफी हद तक जान सकते हैं कि आप क्या कर रहे हैं.
अगर आप वीपीएन यूज नहीं करते हैं तो हैकर्स के लिए सॉफ्ट टारगेट हैं. क्योंकि उनके लिए आपकी कम्यूनिकेशन को हैक करना आसान काम है. खास तौर पर ऑफिस में, एयरपोर्ट पर या किसी भी पब्लिक वाईफाई में आप बिना वीपीएन के कनेक्ट होते हैं तो ज्यादा उम्मीद है आपका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया हो.
बढ़ेंगे हैकिंग के खतरे...
इन सब के अलावा वीपीएन यूज करके आप प्राइवेट कंपनियों या फिर सरकार की जासूसी से भी बच सकते हैं. यूजर्स के अलावा कंपनियों के लिए भी ये काफी अहम है. क्योंकि अगर कंपनियों का कम्यूनिकेशन किसी साइबर क्रिमिनल के हाथ लग गया तो उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है.बहरहाल, अभी तक सरकार की तरफ से वीपीएन बैन को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है. उम्मीद है आने वाले समय में सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई स्टेटमेंट जारी किया जाए.