Auto industry को इस बजट से उम्मीदें, टैक्स और पॉलिसी में चाहिए राहत

कोरोना महामारी के कारण ऑटो इंडस्ट्री पर भी काफी बुरा असर हुआ है

Update: 2021-01-18 04:03 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के कारण ऑटो इंडस्ट्री (Auto Industry) पर भी काफी बुरा असर हुआ है. हालांकि फेस्टिव सीजन में आई तेजी के बाद धीरे-धीरे यह सेक्टर ट्रैक पर लौट रहा है. बजट 2021 से इस सेक्टर को काफी राहत की उम्मीद है (Auto industry expectations Budget 2021). यह सेक्टर टैक्स में लाभ के साथ-साथ नीतिगत मोर्चे पर भी राहत की उम्मीद कर रहा है. ऑटो सेक्टर में खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) को लेकर सरकार क्या फैसला लेती है, यह देखने वाली बात होगी.


इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करने को लेकर पिछले दिनों परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार 15 साल से पुराने वालों को हटाने की योजना को जल्द ही मंजूरी देगी. सरकार ने 26 जुलाई 2019 को मोटर वाहन के नियमों में संशोधन का प्रस्ताव रखा था, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए 15 साल से पुराने वाहनों को सड़क से हटाया जा सके. उन्होंने कहा, 'हमने प्रस्ताव पेश कर दिया है और मैं उम्मीद कर रहा हूं कि जल्द ही हमें स्क्रैपिंग नीति के लिए मंजूरी मिल जाएगी.' इस नीति के तहत कार, ट्रक और बस जैसे 15 साल से पुराने वाहनों को सड़क से हटाने का प्रस्ताव है.


व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी से मांग में आएगी तेजी
गडकरी ने कहा था कि इस नीति को मंजूरी मिलने के बाद भारत ऑटोमोबाइल का बड़ा केंद्र बन जाएगा और गाड़ियों की कीमतों में भी कमी आएगी. हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा लिया जाएगा. माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार vehicle scrappage policy लेकर आएगी. बता दें कि भारत की ऑटो इंडस्ट्री का सालाना टर्नओवर 4.5 लाख करोड़ रुपए है. इसमें 1.45 लाख करोड़ रुपए का निर्यात शामिल है. अगर इस दिशा में बजट में फैसला लिया जाता है तो इस सेक्टर में जान आ जाएगी.

GST घटाकर 18 फीसदी करने की मांग
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑटो सेक्टर जीएसटी में भी कटौती की मांग कर रहा है. कोरोना के बाद लोगों ने पर्सनल व्हीकल को प्रेफर करना शुरू किया है. फर्स्ट टाइम बायर्स में काफी तेजी आई है. वर्तमान में व्हीकल पर अमूमन 28 फीसदी का जीएसटी लगता है. ऑटो इंडस्ट्री की मांग है कि अगर इसे घटाकर 18 फीसदी कर दिया जाता है तो मांग में जबरदस्त तेजी आएगी.

इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ देने की मांग
इसके अलावा अगर बिजनेस पर्पस से कोई गाड़ी खरीदी जा रही है, उस पर वर्तमान में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता है. अगर सरकार इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा शुरू कर दे तो भी मांग में काफी तेजी दर्ज की जाएगी. इस सेक्टर के लोगों का कहना है कि सरकार के लिए यह रेवेन्यू लॉस नहीं होगा क्योंकि बिक्री में तेजी आने से उसकी कमाई में उछाल आएगा.

इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर घोषणाओं पर रहेगी नजर
लंबे इंतजार के बाद Tesla भारत आ चुकी है. पिछले दिनों गलती से टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक व्हीकल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टनरशिप को लेकर एक ट्वीट भी किया गया, जिसे बाद उसे डिलीट कर दिया गया था. सरकार भी इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करने में लगी है. मोदी सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के मकसद से 2015 में FAME (Faster Adoption and Manufacturing of (Hybrid &) Electric Vehicles) स्कीम की घोषणा की थी.

एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपए की छूट
2019 बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर टैक्स में छूट की घोषणा की गई. इसका फायदा केवल इंडिविजुअल को मिल सकता है. अगर आपने लोन पर इलेक्ट्रिक कार खरीदी है तो सेक्शन 80EEB के तहत इंट्रेस्ट पर एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपए की छूट मिलती है. अगर कार का इस्तेमाल बिजनेस के कामों में हो रहा है तो उससे ज्यादा इंट्रेस्ट पेमेंट करने पर उसे बिजनेस एक्सपेंस के रूप में खर्च किया जा सकता है. फेम-2 स्कीम 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी. सरकार ने इसके लिए 10 हजार करोड़ का फंड रखा है. ऐसे में संभव है कि इस बजट में ऑटो सेक्टर और खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए सरकार कुछ बड़ी घोषणा करे


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