नयी दिल्ली: देश का यात्री वाहन उद्योग सालाना 60 से 70 लाख इकाइयों के आंकड़े को छूने को तैयार है, ऐसे में परिचालन को स्थिर और पर्यावरण अनुकूल बनाने की जरूरत है। मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेयूची ने बुधवार को यह बात कही। ताकेयूची ने बुधवार को यहां वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एक्मा) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है।
अनुमान है कि वित्त वर्ष 2030-31 तक यात्री वाहन बाजार का आकार सालाना 60 से 70 लाख इकाई तक पहुंच जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि परिचालन का पैमाना मौजूदा स्तर का लगभग दोगुना होगा। ताकेयूची ने कहा, ‘‘इसलिए हमारे व्यवसायों को चीजों की समीक्षा करने की जरूरत होगी और परिचालन के ऊंचे स्तर के अनुरूप खुद को ढालना होगा। उस समय परिचालन कई स्थानों पर फैला होगा। इसके साथ ही हमें अपने परिचालन को टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल बनाने की जरूरत होगी।’’
उन्होंने घरेलू वाहन कलपुर्जा उद्योग से स्थानीय डिजाइन और विकास क्षमता को मजबूत करने की दिशा में काम करने और कारोबार में विविधता के लिए मौजूदा श्रमबल का कौशल बढ़ाने को भी कहा। ताकेयूची ने कहा कि वाहन कलपुर्जा क्षेत्र को अपनी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। उन्होंने मात्रा और प्रौद्योगिकी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कुशल मानव संसाधन के महत्व को भी रेखांकित किया। ताकेयूची ने कहा, ‘‘भारत के पास एक प्रतिभावान पूल है, लेकिन उन्हें उद्योग के लिए तैयार करने के लिए मूल्य श्रृंखला में सहयोग की अधिक आवश्यकता है। यहां, मैं सरकार से भी सक्रिय समर्थन का आग्रह करता हूं।