नई दिल्ली: अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो Google Chrome या Microsoft Edge जैसे ब्राउजर पर अपना लॉगिन पासवर्ड सेव करके रखते हैं, तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। कुछ आईटी रिसर्चर्स ने इंटरनेट यूजर्स, खासकर वर्क फ्रॉम होम कर रहे कर्मचारियों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि ब्राउजर पर सेव उनका लॉगिन-पासवर्ड हैक हो सकता है। हाल ही में सिक्यॉरिटी ब्रीच के चलते एक कंपनी का डेटा लीक हुआ है।
सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट AhnLab के मुताबिक, इस कंपनी में काम करने वाला कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करता था। वह काम करने के लिए एक ऐसे डिवाइस का इस्तेमाल कर रहा था, जिसे बाकी लोग भी इस्तेमाल कर रहे थे। उन्हें नहीं पता था कि डिवाइस में Redline Stealer नाम का मैलवेयर छिपा है। मैलवेयर कथित तौर पर कंपनी के VPN तक पहुंचने के लिए संवेदनशील अकाउंट डीटेल्स और पासवर्ड चुराता है। हैकर्स फिर इस डेटा का इस्तेमाल कंपनियों के प्राइवेट डेटा की जासूसी के लिए करते हैं।
एंटीवायरस भी नहीं करेगा काम
सबसे खतरनाक बात यह है कि भले ही आपने एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया हुआ हो, फिर भी यह मैलवेयर कंप्यूटर या लैपटॉप में प्रवेश कर जाएगा। मैलवेयर के बारे में बात करते हुए AhnLab ने कहा कि भले ही अकाउंट ब्राउज़र में क्रेडेंशियल सेव करना बहुत सुविधाजनक हो, लेकिन अगर यह मैलवेयर आपके लैपटॉप में घुसता है तो अकाउंट क्रेडेंशियल्स पर जोखिम बना रहेगा।
आप कैसे बचें?
> इस तरह की समस्या से बचने के लिए आम यूजर्स को ध्यान रखना चाहिए कि वे हमेशा आधिकारिक ऐप्स का ही इस्तेमाल करें।
> वह अपने ऑफिशियल काम के लिए किसी भी ऐसे डिवाइस का इस्तेमाल न करें, जिसे बाकी लोग भी यूज कर रहे हों।
> कई बार प्ले स्टोर पर भी ऐसे ऐप्स मिल जाते हैं, जिनमें मैलवेयर छिपा होता है।
> यूजर्स को अतिरिक्त देखभाल कर लेना चाहिए और ऐप को डाउनलोड करने से पहले बैकग्राउंड की जांच करें।