आर्बिट्रेशन पैनल ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप की डील पर लगाई रोक...अमेजॉन ने की थी अपील

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप की डील पर सिंगापुर स्थित आर्बिट्रेशन पैनल ने फिलहाल रोक

Update: 2020-10-27 03:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप की डील पर सिंगापुर स्थित आर्बिट्रेशन पैनल ने फिलहाल रोक लगा दी है। जेफ बेजोस की ऑनलाइन रिटेल कंपनी अमेजॉन की याचिका पर पैनल ने यह फैसला लिया है। अमेजॉन का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस के साथ डील करके उसके साथ हुए करार का उल्लंघन किया है। दरअसल पिछले साल अमेजॉन ने किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 पर्सेंट की हिस्सेदारी खरीदी थी। इस कंपनी के पास फ्यूचर रिटेल की भी 7.3 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसके कारोबार को किशोर बियानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह को 24,700 करोड़ रुपये में बेच दिया है।

अपने बयान में रिलायंस ने कहा, RRVL को अमेजॉन की तरफ से आपातकाली जानकारी दी गई है कि फ्यूचर ग्रुप के साथ समझौतै के मामले में अंतिरम आदेश जारी किया है। RRVL सभी नियमों और भारतीय कानून को ध्यान में रखते हुए बिजनस शुरू किया था। फ्यूचर ग्रुप के साथ समझौता नियमों के खिलाफ नहीं है। कंपनी अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए बिना किसी देरी के ट्रांजैक्शन पूरा करेगी।

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि इस मामले में अमेजॉन को मिले तत्काल आदेश में पैनल ने कहा कि फिलहाल डील को होल्ड पर रखा जाए, जब तक कि आर्बिट्रेशन पैनल का गठन नहीं होता है। रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील को लेकर अमेजॉन का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप के साथ हुए उसके करार के तहत यह तय हुआ था कि उसके पास 'राइट ऑफ फर्स्ट रिफ्यूजल' होगा। इसके अलावा कंपनी किसी अन्य प्रतिस्पर्धी समूह के साथ डील नहीं करेगी। अमेजॉन का कहना है कि रिलायंस के साथ डील करते हुए फ्यूचर ग्रुप ने करार की इन दोनों ही शर्तों को तोड़ने का काम किया है।

मामले की सीधे तौर पर जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने आर्बिट्रेशन पैनल के फैसले को लेकर कहा कि रिलायंस और फ्यूचर की डील पर आया यह निर्णय अमेजॉन के लिए व्यापक जीत की तरह है। अब उसे इस डील को रोके जाने के लिए एक तरह से एक आदेश मिल गया है। हालांकि यह फैसला सीधे तौर पर भारत में लागू नहीं होगा और इस आदेश की भारतीय कोर्ट द्वारा समीक्षा की जाएगी। उसके बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा। अमेजॉन ने एक बयान जारी कर कहा कि वह आर्बिट्रेशन के फैसले का स्वागत करता है।

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