समीक्षाधीन अवधि में देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने 1,67,964 यात्री वाहनों का निर्यात किया. यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 59,821 इकाइयों के आंकड़े का लगभग तीन गुना है. इसके साथ ही कंपनी ने वित्त वर्ष के पहले नौ माह में सुपर कैरी (एलसीवी) की 1,958 इकाइयों का निर्यात किया. मारुति के बाद निर्यात के मामले में हुंदै मोटर इंडिया और किआ इंडिया का स्थान रहा.
बलेनो, डिजायर टॉप एक्सपोर्ट ब्रांड मारुति के प्रमुख यात्री वाहन निर्यात बाजारों में लातिनी अमेरिका, आसियान, अफ्रीका, पश्चिम एशिया और पड़ोसी देश शामिल हैं. इसके शीर्ष पांच निर्यात मॉडल बलेनो, डिजायर, स्विफ्ट, एस-प्रेसो और ब्रेजा रहे. मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा कि लगभग दो साल पहले कंपनी ने निर्यात में भारी वृद्धि की दिशा में एक मजबूत प्रयास करने का फैसला किया था. ''हमारी इस महत्वाकांक्षा के पीछे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की स्थानीयकरण को बढ़ाने और मेक इन इंडिया के तहत निर्यात में वृद्धि की रणनीति भी है.''
2021 में मारुति का निर्यात 205450 यूनिट
भारती ने कहा कि इसके चलते हम अप्रैल-दिसंबर 2021-22 के दौरान 1,69,922 वाहनों (पीवी और एलसीवी) का निर्यात करने में सफल रहे, जो नौ महीने की अवधि में सबसे ऊंचा आंकड़ा है. उन्होंने कहा कि कैलेंडर वर्ष 2021 में मारुति सुजुकी ने 2,05,450 वाहनों का निर्यात किया, जो किसी एक कैलेंडर साल में सबसे अधिक है.
हुंदै मोटर का निर्यात 100059 यूनिट
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में हुंदै मोटर इंडिया का निर्यात 1,00,059 इकाई रहा. यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 35 फीसदी अधिक है. इसी तरह किआ इंडिया ने समीक्षाधीन अवधि में वैश्विक बाजारों में 34,341 इकाइयों का निर्यात किया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में उसका निर्यात 28,538 इकाई का रहा था.
दिसंबर तिमाही में निर्यात 139363 यूनिट
अप्रैल-दिसंबर, 2021 में फॉक्सवैगन का निर्यात 29,796 इकाई रहा. चालू वित्त वर्ष की तीसरी अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में यात्री वाहनों का कुल निर्यात बढ़कर 1,39,363 इकाई पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,36,016 इकाई रहा था. हालांकि, दिसंबर, 2021 में यात्री वाहनों का निर्यात घटकर 54,846 इकाई रह गया. दिसंबर, 2020 में यह आंकड़ा 57,050 इकाई का रहा था.