सेबी से मिली मंजूरी, Go Airlines का 3600 करोड़ रुपए का IPO आ रहा है, जाने
Go Airlines IPO: सेबी के पास आईपीओ के बारे में उपलब्ध ताजा सूचना के अनुसार कंपनी ने आईपीओ के लिये मई में शुरूआती दस्तावेज जमा किये थे. उसे 26 अगस्त को सेबी से मंजूरी मिली.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विमान सेवा देने वाली गो एयरलाइंस (Go Airlines) को 3,600 करोड़ रुपए के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिये सेबी (Sebi) से मंजूरी मिल गयी है. कंपनी ने 'गो फर्स्ट' (Go First) नाम से नया ब्रांड नाम दिया है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के पास जमा दस्तावेज के अनुसार एयरलाइन की शेयरों की बिक्री के जरिये 3,600 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. कंपनी की आईपीओ से पूर्व नियोजन के आधार पर 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की भी योजना है.
सेबी के पास आईपीओ के बारे में उपलब्ध ताजा सूचना के अनुसार कंपनी ने आईपीओ के लिये मई में शुरूआती दस्तावेज जमा किये थे. उसे 26 अगस्त को सेबी से मंजूरी मिली. सूचना सोमवार को सार्वजनिक की गयी. जून में SEBI ने शेयरों की बिक्री के लिए गो एयरलाइंस के ड्राफ्ट पेपर पर रोक लगा दी थी.
IPO से जुटाई रकम का इस्तेमाल
दस्तावेज के मुताबिक, आईपीओ से प्राप्त राशि 2,015.81 करोड़ रुपये का उपयोग एयरलाइन कर्ज के भुगतान में करेगी. 279.26 करोड़ रुपये का उपयोग लेटर ऑफ क्रेडिट के रिप्लेसमेंट के लिए होगा, जो कि कुछ विमान पट्टेदारों को लीज के किराये के भुगतान और विमान के रखरखाव के लिए कैश डिपॉजिट के साथ जारी किए जाते हैं.
इसके अलावा गो एयरलाइंस ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को सप्लाई किए गए फ्यूल के बकाये के रूप में 254.93 करोड़ रुपये का भुगतार करने की भी योजना बनाई है.
पहले से ये एयरलाइन हैं लिस्टेड
फिलहाल तीन प्राइवेट एयरलाइन कंपनियां… इंडिगो (IndiGo), स्पाइसजेट (SpiceJet) और जेट एयरवेज (Jet Airways)… घरेलू शेयर बाजार में लिस्टेड हैं. जेट एयरवेज ने अप्रैल 2019 में परिचालन बंद कर दिया था. कंपनी दिवालिया प्रक्रिया में गयी है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने जालान कालरॉक समूह की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है.
गो एयरलाइंस में, वाडिया ग्रुप के पास 73.33 फीसदी हिस्सेदारी है. जबकि बाकी हिस्सेदारों में बेमैनको इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड भी शामिल है. इश्यू के ग्लोबल कॉरडिनेटर और बुक रनिंग लीड मैनेजर ICICIC सिक्योरिटीज, सिटी और मॉर्गन स्टेनली हैं.