Apple के इस कदम से मार्क जुकरबर्ग को डर, बिजनेस को बड़ा नुकसान होने की आशंका
कुछ iOS ऐप्स एपल यूजर्स को ट्रैक कर रहे थे, लेकिन
कुछ iOS ऐप्स एपल यूजर्स को ट्रैक कर रहे थे, लेकिन अब एपल यूजर्स ने इसको लेकर अपना फैसला सुना दिया है. एपल यूजर्स ने साफ कर दिया है कि वो नहीं चाहते कि उन्हें कोई ऐप ट्रैक कर सके. ये सबकुछ तब हुआ जब एपल ने ऐप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी को iOS 14.5 के साथ इंट्रूड्यूस किया. ऐसे में फिलहाल 4 प्रतिशत की ऐसे आईफोन यूजर्स हैं जिन्होंने फेसबुक जैसे ऐप्स को ये परमिशन दिया है कि वो अपने ऐप के जरिए उन्हें ट्रैक करें.
एपल और फेसबुक पिछले कुछ समय से एक दूसरे के खिलाफ है. एपल चाहता था कि वो यूजर्स के लिए ऐसी प्राइवेसी पॉलिसी लाए जिससे कोई भी ऐप यूजर्स की एक्टिविटी को ट्रैक नहीं कर पाए. ऐसे में फेसबुक इसमें बीच में आया और कंपनी ने कहा कि, अगर ऐसा नहीं होता है तो हम यूजर्स तक विज्ञापन हीं पहुंचा पाएंगे जो आजकल छोटे बिजनेस को बड़ा बनाने में काफी मदद करता है.
लेकिन यूजर्स के रिएक्शन के बाद अब ये पक्का हो गया है कि, कोई भी ये नहीं चाहता कि उनके डाटा को कलेक्ट किया जाए. ऐप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी की मदद से एपल ने अब अपना फैसला iOS यूजर्स पर छोड़ दिया है. एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, आईफोन यूजर्स ने अपनी प्राइवेसी को विज्ञापन से ज्यादा महत्तव दिया.
एक नए मार्केट एनालिसिस रिपोर्ट जिसका खुलासा Flurry एनालिटिक्स ने किया है उन्होंने कहा है कि, दुनिया के सिर्फ 11 प्रतिशत आईफोन यूजर्स ही ऐसे हैं जिन्हें ऐप ट्रैकिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता. अमेरिका में ये आंकड़ा सिर्फ 4 प्रतिशत यूजर्स का है. वहीं नए iOS के दौरान ये आंकड़ा सिर्फ 2 प्रतिशत का था.
जुकरबर्ग हैं परेशान
इसमें कोई दो राय नहीं कि, इस कदम के बाद फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग काफी ज्यादा परेशान हैं. क्योंकि वो चाहते थे कि वो यूजर्स को उसी तरह का विज्ञापन दिखाएं जिसके बारे में यूजर्स सर्च कर रहे हैं. बता दें कि इसी महीने फेसबुक ने नए iOS यूजर्स को पॉप अप नोटिफिकेशन भेजकर ऐप ट्रैकिंग फीचर ऑन करने को कहा था.
बता दें कि टारगेटेड विज्ञापन आज के जमाने में फेसबुक और गूगल के लिए रेवेन्यू कमाने का सबसे बड़ा जरिया है. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि, ऐप ट्रैकिंग में आई गिरावट की मदद से 189 बिलियन डॉलर की मोबाइल एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री पर इसका तगड़ा असर पड़ेगा.