आपका बैंक अकाउंट एक SMS खाली कर सकता है, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

स्मिशिंग (Smishing) में अपाधी एक SMS के जरिए आपके साथ धोखाधड़ी कर सकते हैं. आइए इसे डिटेल में जानते हैं कि स्मिशिंग क्या होती है और आप कैसे इससे बच सकते हैं.

Update: 2022-03-05 02:19 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौर में लोग अपना ज्यादातर समय स्मार्टफोन्स या लैपटॉप पर बिताते हैं. लोग अपना बैंकिंग (Banking) से जुड़ा अपना अधिकतर काम भी ऑनलाइन ही करते हैं. ऐसे में साइबर अपराधी (Cyber Crime) भी इसका फायदा उठा रहे हैं. देश में बैंक फ्रॉड (Bank Fraud) के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं. साइबर अपराधी लोगों को अपने झांसे में फंसाकर उनके बैंक अकाउंट को कुछ मिनटों में खाली कर देते हैं. इसमें साइबर अपराधी अलग-अलग तरह के तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका स्मिशिंग (Smishing) का भी है. इसमें अपाधी एक SMS के जरिए आपके साथ धोखाधड़ी कर सकते हैं. आइए इसे डिटेल में जानते हैं कि स्मिशिंग क्या होती है और आप कैसे इससे बच सकते हैं.

स्मिशिंग क्या है?
स्मिशिंग शॉर्ट मैसेज सर्विस यानी एसएमएस और फिशिंग का मेल होता है. फिशिंग यानी आपकी जानकारी चोरी करने के लिए ईमेल करना है. देश भर में लोगों को ऐसे मैसेज मिलते हैं, जिनमें दावा किया जाता है कि आपके अकाउंट्स के साथ गड़बड़ है और उन्हें अपडेट करने की जरूरत है. उन्हें किसी नए प्रोग्राम के लिए रजिस्टर करने के लिए भी कहा जाता है. मैसेज में लिंक और टोल-फ्री नंबर का इस्तेमाल किया जाता है. इनके जरिए व्यक्ति के साथ बैंक फ्रॉड किया जाता है.
इन सेफ्टी टिप्स को करें फॉलो
सबसे पहले, इस बात का ध्यान रखें कि सेल फोन्स में वायरस आ सकते हैं. इसलिए कभी भी किसी अनजान व्यक्ति से मिले लिंक पर क्लिक नहीं करें.
इसके अलावा ईमेल या टैक्स्ट मैसेज द्वारा अपनी वित्तीय या निजी जानकारी को शेयर न करें.
इसके साथ बैंक को संदेहास्पद ईमेल के बारे में सूचित करें, जिनमें उनके नाम और लोगो का इस्तेमाल किया गया है.
इसके अलावा नियमित तौर पर अपने बैंक अकाउंट को चेक करें, जिससे किसी धोखाधड़ी या अनाधिकृत तौर पर अकाउंट तक पहुंचने को पकड़ा जा सके.
आपको बता दें कि इसके अलावा एक तरीका स्पूफिंग का भी है. वेबसाइट स्पूफिंग में अपराधी फर्जी वेबसाइट बनाते हैं, जिसका मकसद फ्रॉड करना होता है. फर्जी वेबसाइट को सही दिखाने के लिए अपराधी असल वेबसाइट के नाम, लोगो, ग्राफिक और यहां तक कि उसके कोड का भी इस्तेमाल कर लेते हैं. वे आपके ब्राउजर विन्डो के टॉप में एड्रेस फील्ड में दिखने वाले URL और नीचें सबसे दायीं तरफ दिए गए पैडलॉक आइकन की भी नकल कर सकते हैं.


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