Airtel टैरिफ में करने वाली है बढ़ोतरी, सुनील मित्तल ने खुद दी यह जानकारी
भारती एयरटेल के प्रमुख सुनील मित्तल ने कहा कि राहत पैकेज से कंपनी को काफी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि टैरिफ को बढ़ाने की जरूरत है और इसकी शुरुआत एयरटेल करेगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने गुरुवार को कहा कि कंपनी राहत पैकेज के तहत भुगतान में मिलने वाली मोहलत का इस्तेमाल इस दौरान उपलब्ध होने वाले कोष को सक्रियता के साथ नेटवर्क की मजबूती में लगाएगी. मित्तल ने कहा, ''दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों से वृद्धि को गति मिलेगी. इससे सभी कंपनियों के साथ मिलकर एक टीम की तरह काम करने और भारत के दूरसंचार क्षेत्र के सपने को साकार करने का रास्ता साफ हुआ है.''
उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारतीय दूरसंचार नियामक एवं प्राधिकरण (TRAI) 5जी स्पेक्ट्रम के लिये उद्योग की तर्कसंगत आरक्षित मूल्य की मांग पर गौर करेगा. मित्तल ने कहा कि दरों को बढ़ाने की जरूरत है. जीएसटी, लाइसेंस शुल्क, ऊंची शुल्क दरों पर और काम करने की आवश्यकता लेकिन यह सब अलग विषय है. उन्होंने कहा कि एयरटेल कुछ पैक के मामले में दरों में वृद्धि को लेकर अगुवाई करेगी.
नेटवर्क को मजबूत करने पर रहेगा जोर
मित्तल ने कहा कि एयरटेल भुगतान राहत अवधि के दौरान उपलब्ध नकदी का इस्तेमाल नेटवर्क को मजबूत करने में करेगी. ब्याज दर भुगतान को लेकर राहत के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जब भुगतान को इक्विटी में बदलने अथवा नकद भुगतान को लेकर पेशकश आएगी, तब मामले पर गौर करेंगे.
बकाए के भुगतान में चार साल की राहत
सरकार ने बुधवार को दबाव में फंसे दूरसंचार क्षेत्र के लिये बड़े सुधार पैकेज को मंजूरी दी. इस पैकेज में सांविधिक बकाये के भुगतान से चार साल की मोहलत, दुर्लभ रेडियो तरंगों को साझा करने की अनुमति, सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) की परिभाषा में बदलाव तथा स्वत: मार्ग से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति शामिल हैं.
राहत से निवेश को मिलेगा बल
सुनील मित्तल ने राहत पैकेज को लेकर बुधवार को कहा था कि कंपनियां अब बिना किसी डर के साहसिक तरीके से निवेश करने में सक्षम होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवेश और देश की वृद्धि में तेजी लाने के आह्वान पर एयरटेल सकारात्मक प्रतिक्रिया देगी. दबाव से जूझ रहे दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत के कई कदमों के बीच मंत्रिमंडल ने आज सकल समायोजित राजस्व (AGR) की परिभाषा को युक्तिसंगत बनाते हुए इसमें से दूरसंचार क्षेत्र से इतर होने वाली आय को हटा दिया गया है. सरकार को संभावित रूप से दी जाने वाली देय राशि पर दंड को भी हटा दिया है.