श्रेई इन्फ्रा और इक्विपमेंट की सलाहकार समिति बरकरार, RBI ने किया फैसला

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने श्रेई इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड और श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड की सलाहकार समिति को बरकरार रखा है।

Update: 2021-10-11 15:36 GMT

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने श्रेई इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड और श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड की सलाहकार समिति को बरकरार रखा है। आरबीआई ने सोमवार को जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी। इससे पहले आरबीआई ने चार अक्तूबर को भुगतान में चूक करने पर इन दोनों कंपनियों के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था।

इन दोनों गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमान बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक रजनीश शर्मा को सौंपी गई है। आरबीआई ने कहा था कि इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी रूल्स, 2019 के तहत दोनों गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के समाधान की प्रक्रिया शुरू होगी।
ये लोग हैं सलाहकार समिति के सदस्य
सलाहकार समिति के सदस्य इंडियन ओवरसीज बैंक को पूर्व एमडी और सीईओ आर सुब्रमण्यकुमार, सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक टीटी श्रीनिवासराघवन और टाटा संस लिमिटेड के पूर्व चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर व कंपनी सेक्रेटरी फारुख एन सूबेदार हैं। कोलकाता की ये दोनों कंपनियां पिछले साल से वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं।
दीवान हाउसिंग के बाद दूसरी कार्रवाई
इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी संहिता के तहत आरबीआई कई साल बाद यह दूसरी कार्रवाई करने जा रहा है। इससे पहले 2019 में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी। हालिया वर्षों में आरबीआई ने चूक करने वाले बैंकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की है। अब तक तीन बैंकों- पीएमसी बैंक, यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई की गई थी।
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