अदाणी रिन्युएबल एनर्जी के क्षेत्र में अंबानी से दोगुना ज्यादा निवेश करेंगे, जानिए
अदाणी ग्रुप के पास रिन्युएबल एनर्जी से जुड़ी 4920 मेगावाट क्षमता की चालू परियोजनाएं हैं तो 5124 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। वहीं 9750 मेगावाट की विभिन्न परियोजनाएं शुरू होने के चरण में है और 4500 मेगावाट की परियोजनाओं का काम जल्द ही मिलने वाला है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अदाणी ग्रुप अब मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) को टक्कर देने के लिए रिन्युएबल एनर्जी के क्षेत्र में उतर रहा है। मंगलवार को अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने एक कार्यक्रम में अगले 10 वर्षो में रिन्युएबल एनर्जी के क्षेत्र में 20 अरब डालर (करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये) के निवेश की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ग्रुप यह निवेश ग्रीन एनर्जी के उत्पादन, ट्रांसमिशन व वितरण के साथ कंपोनेंट्स निर्माण के क्षेत्र में करेगा।
हाल ही में आरआइएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अगले तीन वर्षो में ग्रीन एनर्जी व हाइड्रोजन के क्षेत्र में 10 अरब डालर (करीब 75,000 करोड़ रुपये) के निवेश का एलान किया था। जेपी मोर्गन के कार्यक्रम में अदाणी ने कहा कि स्थापित उत्पादन क्षमता, निर्माणाधीन परियोजनाओं के हिसाब से हम सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी हैं। कंपनी ने यह काम सिर्फ दो वर्षो में किया है। अदाणी ग्रुप के पास रिन्युएबल एनर्जी से जुड़ी 4,920 मेगावाट क्षमता की चालू परियोजनाएं हैं तो 5,124 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। वहीं, 9,750 मेगावाट की विभिन्न परियोजनाएं शुरू होने के चरण में है और 4,500 मेगावाट की परियोजनाओं का काम जल्द ही मिलने वाला है।
अदाणी ने बताया कि वर्ष 2025 तक उनकी योजनागत पूंजी खर्च का 75 फीसद ग्रीन टेक्नोलाजी के मद में जाएगा। अगले चार साल में कंपनी की रिन्युएबल उत्पादन क्षमता में तीन गुना बढ़ोतरी होगी। कंपनी हाइड्रोजन एनर्जी के क्षेत्र में भी दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों में शामिल होने का लक्ष्य रख रही है। ग्रुप वर्ष 2030 तक अपने सभी डाटा सेंटर को रिन्युएबल एनर्जी के माध्यम से बिजली की आपूर्ति करेगा। अदाणी के अनुसार ग्रुप इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े उन क्षेत्रों में भी निवेश करेगा जिसे अभी ठीक से विकसित नहीं किया गया है और जिनका योगदान कम है।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षो में ग्रुप ने 12 अरब डालर यानी करीब 90,000 करोड़ रुपये मूल्य की 50 संपत्तियों का अधिग्रहण किया है। दो दशकों में दुनिया का सर्वाधिक युवा मध्यम वर्ग भारत में होगा और बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भारत अगले 10 वर्षो में दुनिया के शीर्ष चार देशों में शामिल होगा। अदाणी ने कहा कि जो देश पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में धीमी प्रगति के लिए भारत जैसे देश की आलोचना करते हैं, उन्हें यह जरूर याद रखना चाहिए कि उन्होंने आर्थिक व औद्योगिक विकास के नाम पर काफी प्रदूषण फैलाया है। पर्यावरण सुधार की नसीहत देने वाले ये देश 100 साल पहले 80 करोड़ टन से अधिक कोयला जलाते थे जो भारत के वर्तमान कोयला उत्पादन से अधिक है।