एक सर्वे के अनुसार भारत में केवल 2 फ़ीसदी ही है सीनियर सिटीजन का हेल्थ इंश्योरेंस

Update: 2023-08-28 08:05 GMT
नई दिल्ली | कोरोना महामारी के बाद से लोगों के बीच हेल्थ इंश्योरेंस यानी स्वास्थ्य बीमा की लोकप्रियता बढ़ी है, लेकिन आज भी देश का एक बड़ा तबका ऐसा है जिसे इस योजना का लाभ नहीं है. वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा योजना की सबसे ज्यादा जरूरत है, लेकिन आज भी भारत की 98 फीसदी बुजुर्ग आबादी को स्वास्थ्य बीमा का लाभ नहीं मिलता है. ये चौंकाने वाले खुलासे इंश्योरटेक प्लेटफॉर्म प्लम के हालिया सर्वे में हुए हैं। लाइव मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, जहां एक तरफ देश में स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में बढ़ोतरी हुई है, वहीं दूसरी तरफ देश के सिर्फ 2 फीसदी वरिष्ठ नागरिकों के पास ही स्वास्थ्य बीमा योजना है.
देश में बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है
गौरतलब है कि जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में भारत में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 138 मिलियन है, जो वर्ष 2031 तक बढ़कर 194 मिलियन होने की संभावना है। वहीं, प्लम ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि इनमें से इसके 35,000 ग्राहक आधार में से केवल 25 प्रतिशत कंपनियों के पास वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा सुविधाएं हैं। ऐसे में ज्यादातर ग्राहक अपने माता-पिता और ससुराल वालों के लिए स्वास्थ्य बीमा नहीं ले पाते हैं.
संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला स्वास्थ्य बीमा अपर्याप्त है-सर्वेक्षण
सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि 300 ग्राहकों में से लगभग 29 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि उनकी कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य बीमा सुविधाएं अपर्याप्त हैं। ऐसे में अपना कवरेज बढ़ाने के लिए 13 फीसदी कर्मचारियों ने सुपर-टॉप अप लिया है ताकि उनके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को भी बेहतर कवरेज मिल सके. ऐसे में अलग-अलग कर्मचारी संगठन लंबे समय से अपनी कंपनियों से कवरेज बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
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