मंगलवार को संसद में प्रस्तुत किए गए 2022-23 के केंद्रीय बजट में सीतारमण ने रेल मंत्रालय को 1.4 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए, जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों से 20,000 करोड़ रुपए अधिक हैं.अधिकारियों के अनुसार, तीसरी पीढी की सभी वंदे भारत ट्रेन में 16 कोच होंगे और जिसकी एक सेट की लागत 120 करोड़ रुपए होगी. यह पहले संस्करण की तुलना में 20 करोड़ रुपए महंगी होगी. इस संस्करण में बेहतर ऊर्जा दक्षता होगी और वजन में यह ट्रेन हल्की होगी.
बजट की घोषणा वाली 400 ट्रेनें बिल्कुल फ्रेश ऑर्डर होंगी
वर्तमान में, दो वंदे भारत रेलगाड़ियां चल रही हैं और इस कैटिगरी में अन्य 44 रेलगाड़ियों के उत्पादन के लिए अनुबंध पहले ही दिए जा चुके हैं. बजट में घोषित 400 नई पीढ़ी की रेलगाड़ियां उन रेलगाड़ियों से इतर होंगी. उन्होंने कहा, ''अगले तीन वर्षों में बेहतर ऊर्जा दक्षता और यात्रियों को बेहतरीन यात्रा अनुभव दिलाने वाली नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनें तैयार की जाएंगी.''
एल्यूमीनियम से बनाई जाएंगी ट्रेनें
सीतारमण ने कहा कि ये नयी ट्रेनें कम वजन की एल्यूमीनियम से बनाई जाएंगी, इस्पात से नहीं. इस लिहाज से प्रत्येक ट्रेन वजन में करीब 50 टन हल्की होगी और इस्पात की रेलगाड़ियों की तुलना में कम ऊर्जा खपत करेंगी.
सेकेंड एडिशन की 44 वंदे भारत ट्रेन का निर्माण
रेलवे ने सेकेंड एडिशन की 44 वंदे भारत रेलगाड़ियों का निर्माण करने की योजना बनाई है ताकि उन्हें 15 अगस्त, 2023 तक कम से कम 75 मार्गों पर चलाया जा सके, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषणा की थी. मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में कहा था कि रेलवे 44 वंदे भारत ट्रेनों का विनिर्माण कर रहा है और 15 अगस्त, 2023 तक कम से कम 75 मार्गों पर इन ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा.
रॉलिंग स्टॉक के लिए 7977 करोड़ रुपए
वैष्णव ने कहा कि इन रेलगाड़ियों के दूसरे संस्करण का परीक्षण अप्रैल से शुरू होगा और अगस्त से क्रमिक उत्पादन शुरू होगा. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम जो भी नई तकनीक लाते हैं उसे यात्री के नजरिये से देखा जाना चाहिए. नई रेलगाड़ियों में कंपन कम होगा, बेहतर सुरक्षा और अनुभव होगा. हम इस तरह का वंदे भारत लाएंगे."रॉलिंग स्टॉक विकसित करने के लिए 7,977 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है, जिससे रेलवे में नये अत्याधुनिक कोच और प्रौद्योगिकी लाने में मदद मिलेगी.
इस तरह खर्च होगा बजट आवंटन का पैसा
वित्त मंत्री ने समर्पित माल ढुलाई कॉरीडोर (डीएफसी) के लिए 15,710.14 करोड़ रुपए का आवंटन किया है. परिचालन और रखरखाव के लिए रेलवे द्वारा इन परिसम्पत्तियों को मुद्रीकृत किया जाएगा. वित्त मंत्रालय ने पटरियों के नवीनीकरण के लिए 13335.47 करोड़, अमान परिवर्तन के लिए 2850 करोड़ और दोहरीकरण के लिए 12,108 करोड़ रुपए का आवंटन किया है. नयी लाइन के लिए भी 25,243 करोड़ रुपए आवंटित किये गये हैं.