नई दिल्ली: दुनियाभर में महंगाई अपने चरम पर है. वहीं देश की इकोनॉमिक ग्रोथ भी लगातार कमजोर पड़ रही है. ऐसे में कई विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में आर्थिक मंदी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. इस बीच एक के बाद एक कई कंपनियां लोगों को नौकरी से निकाल रही है. तो क्या इसे आर्थिक मंदी की आहट माना जाए. ताजा मामला पुरानी कारें बेचने वाली एक ई-कॉमर्स कंपनी का है.
Cars24 नाम की ई-कॉमर्स कंपनी ने 600 एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाल दिया है. हालांकि इस बारे में कंपनी का कहना है कि ये उसके कारोबार करने की सामान्य प्रक्रिया है. वह हर साल प्रदर्शन के आधार पर एम्प्लॉइज की छंटनी करती है, ये भी उसी का हिस्सा है. इसका कंपनी की लागत घटाने से कोई लेना-देना नहीं है. Cars24 के एम्प्लॉइज की संख्या करीब 9,000 है और अब इसमें से 6.6% लोगों की नौकरी चली गई है.
इस बीच एजुकेशन टेक कंपनी Vedantu भी दो बार में सैकड़ों लोगों को नौकरी से निकाल चुकी है. मई महीने में ही कंपनी ने पहले 200 लोगों और फिर बुधवार को 424 लोगों की छंटनी (Vedantu Lay Offs) कर दी. कंपनी के कुल एम्प्लॉइज की संख्या 5,900 के करीब है. पहली बार छंटनी को लेकर कंपनी ने कहा था कि उसने 120 कॉन्ट्रैक्टर्स और 80 फुल टाइम एम्प्लॉइज के कामकाज का आकलन करने के बाद ये फैसला किया.
बुधवार को मई महीने में ही वेदांतु ने दूसरी बार एम्प्लॉइज की छंटनी की. इसे लेकर कंपनी के सीईओ वाम्सी कृष्णा का स्टाफ को भेजा गया मेल कई तरह की चिंताओं को दिखाता है. ये कर्मचारियों के परफॉर्मेंस से जुड़ा मामला नहीं है. इस बीच दुनिया में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अनिश्चिता बढ़ रही है. साथ-साथ मंदी का डर, महंगाई और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाने से भी चिंताएं बढ़ी हैं.
उन्होंने अपने ई-मेल में जिक्र किया है, ' इसे कहने का (नौकरी से निकाले जाने) कोई आसान तरीका नहीं है. लेकिन में बहुत सॉरी फील कर रहा हूं. पुलकित, आनंद (को-फाउंडर्स) और मैं आपके ऋणी रहेंगे कि आपने वेदांतु को अपना मूल्यवान समय और ऊर्जा दी. याद रखिएगा कि इसमें आपकी गलती नहीं है, ना ही ये इसलिए हो रहा है कि आपने कुछ किया है या नहीं किया है. आप बहुत अच्छे हैं और बाहर अन्य कंपनियां आपको पाकर भाग्यशाली होने वाली हैं.'
इससे पहले अप्रैल में एक और एजुटेक कंपनी Unacademy ने भी 600 लोगों को नौकरी से निकाल दिया था. जबकि रॉनी स्क्रूवाला से निवेश पाने वाली स्टार्टअप कंपनी Lido Learning अपना ऑपरेशन बंद कर चुकी है और कई एम्प्लॉइज का कहना है कि Lido ने पिछले कई महीनों से वेतन नहीं दिया है. इसके अलावा Meesho, Furlenco और Trell जैसी कंपनी भी लोगों को नौकरी से निकाल चुकी है.
नौकरी से निकाले जाने की घटना सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिल रही है. पॉपुलर OTT प्लेटफॉर्म Netflix ने भी करीब 150 कर्मचारियों और दर्जनों कॉन्ट्रैक्टर्स की छंटनी कर दी है. The Verge ने सूत्रों के हवाले से एक खबर में कहा है कि नेटफ्लिक्स की फैन फोकस्ड वेबसाइट Tudum के लिए काम कर रहे कम-से-कम 26 कॉन्ट्रैक्टर्स को नौकरी से निकाला जा रहा है. नेटफ्लिक्स इससे पहले मार्केटिंग टीम से करीब 25 लोगों को बाहर कर चुकी है, जिनमें करीब एक दर्जन लोग Tudum से ही जुड़े हुए थे.
बुधवार को जिन 26 लोगों को नौकरी से निकाला गया, उन्हें ग्रुप ईमेल से इसकी जानकारी दी गई. हालांकि नेटफ्लिक्स की प्रवक्ता Erika Masonhall का कहना है कि ईमेल कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी ने भेजे हैं. कंपनी ने The Verge को बताया कि जिन लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है, उनमें से ज्यादातर अमेरिका बेस्ड हैं. छंटनी का यह कदम कर्मचारियों के परफॉर्मेंस से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि फाइनेंशियल कारणों से उसे ऐसा करने पर मजबूर होना पड़ा है.