किसानों के बैंक अकाउंट में भेजे गए 542 करोड़, जानिए क्या है फार्म मशीनीकरण योजना

Update: 2022-02-17 06:05 GMT

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के कई क्षेत्रों में साल 2021 में बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी, जिससे किसानों को बेहद नुकसान हुआ था. अब इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने किसानों को राहत देते हुए उनके बैंक खातों में सीधे 542.06 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी का भुगतान कराया है. इसके अलावा, फार्म मशीनीकरण योजना के तहत 1,220 किसान समूहों को 29.51 करोड़ रुपये की भी सहायता दी गई.

सीएम जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण और कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने आगे बताया कि पिछले ढाई वर्षों में सरकार ने किसानों को 1,612 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जिससे 19.93 लाख किसानों को फायदा मिला. इन सभी किसानों के फसलों को बारिश और बाढ़ से बेहद नुकसान हुआ था. इसके अलावा 80 प्रतिशत सब्सिडी पर 1.21 लाख क्विंटल बीज रबी सीजन में नुकसान झेलने वाले किसानों को दिया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार बीज से लेकर बिक्री तक काश्तकार किसानों सहित हर संभव तरीके से किसानों के साथ खड़ी है. वैज्ञानिक तरीके से फसल के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है और उन्हें भरपूर सहायता प्रदान किया जा रहा है.
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2020 में 123 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी का भुगतान किया गया था. इसी तरह, अप्रैल-अक्टूबर 2020 के बीच हुई फसल के नुकसान के खिलाफ अक्टूबर में 278 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. निवार के तूफान में हुए नुकसान पर सरकार ने एक महीने के भीतर 8.35 लाख किसानों के खातों में 646 करोड़ रुपये रुपये जमा कराया. इसके अलावा गुलाब चक्रवात के लिए 22 . करोड़ रुपये का मुआवजा दो महीने से भी कम समय में दिया गया.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा छोड़े गए सभी लंबित बकाया को वाईएसआरसी सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है, जिसमें धान खरीद के लिए 960 करोड़ रुपये और बीज सब्सिडी के लिए 383 करोड़ रुपये के लंबित बिल शामिल हैं.
इसके अलावा, जगन ने कहा कि वाईएसआर रायथु भरोसा के तहत 19,126 करोड़ रुपये, किसानों के लिए शून्य ब्याज ऋण के तहत 1,218 करोड़ रुपये और मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए 23,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए. राज्य भर में बिजली फीडरों को मजबूत करने पर एक और 1,700 करोड़ रुपये खर्च किए गए. साथ ही, सरकार ने आरबीके में बैंकिंग सेवाएं शुरू कीं और सेवाएं प्रदान करने के लिए 9,160 बैंकिंग संवाददाताओं को नियुक्त किया.
इनके अलावा, किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ग्राम स्तर, मंडल स्तर, जिला स्तर और राज्य स्तर पर कृषि सलाहकार समितियों का गठन किया गया था और आरबीके को जोड़ने के लिए 2,134 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 10,750 सामुदायिक भर्ती केंद्र स्थापित किए गए थे.


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