4 Years of GST : बढ़े करदाता, दाखिल हुए 66 करोड़ से अधिक रिटर्न

इन उपायों से 25 लाख से अधिक करदाताओं को लाभ मिला .

Update: 2021-06-30 09:08 GMT

1 जुलाई 2017 को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कानून को लागू किया गया था. जीएसटी कानून में 17 तरह के अलग-अलग टैक्स और सेस को शामिल किया गया था. इसमें एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, VAT जैसे टैक्स और 13 सेस शामिल किए गए थे. कल इसके चार साल पूरे होने जा रहे हैं. पिछले चार सालों में जीएसटी काउंसिल की 44 अहम बैठक हो चुकी है और हर बैठक में इस कानून में सुधार की दिशा में कदम उठाए जाते हैं. जीएसटी के चार साल पूरे होने के अवसर पर मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ने ट्वीट कर कहा कि यह कानून कंज्यूमर और टैक्सपेयर्स दोनों के लिए काफी फ्रेंडली है.

वर्तमान में अगर किसी बिजनेस का टर्नओवर 40 लाख (गुड्स के लिए)है तो वह जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. पहले इसकी लिमिट 20 लाख थी. जिनका टर्नओवर 1.5 करोड़ सालाना है वो कंपोजिट स्कीम का फायदा उठा सकते हैं और उन्हें केवल 1 फीसदी का टैक्स (गुड्स पर) लगेगा. सर्विस आधारित बिजनेस टर्नओवर 20 लाख तक जीएसटी के दायरे से बाहर है. सर्विस बिजनेस में 50 लाख तक टर्नओवर होने पर कंपोजिट स्कीम के तहत केवल 6 फीसदी का टैक्स जमा किया जा सकता है.
वन नेशन वन टैक्स का सपना पूरा हुआ


जीएसटी को लेकर कहा गया कि इसने वन नेशन वन टैक्स के सपने को साकार किया है. स्टडीज के मुताबिक, जीएसटी के कारण इंटर स्टेट बैरियर में कमी आई है और इसके कारण ट्रांसपोर्ट टाइमिंग में 20 फीसदी की कमी आई है.
QRMP स्कीमन की शुरुआत 1 जनवरी 2021 से
5 करोड़ रुपए तक के कुल टर्नओवर वाले छोटे करदाताओं के लिए तिमाही रिटर्न और मासिक भुगतान (QRMP) योजना 1 जनवरी 2021 से शुरू की गई, जिसमें करदाता हर महीने के बजाय तिमाही अपना जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, जबकि उन्हें हर महीने कर का भुगतान करना होता है. छोटे करदाताओं के समक्ष आने वाली कठिनाइयों का निराकरण करते हुए जीएसटी परिषद ने वार्षिक रिटर्न को सरल बनाया और इसे दाखिल करना छोटे करदाताओं के लिए वैकल्पिक कर दिया गया, जिनका टर्नओवर वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में 2 करोड़ रूपये तक था.
जीरो जीएसटी का लाभ 22 लाख करदाताओं को मिलेगा
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर द्वारा एसएमएस सुविधा के माध्यम से "शून्य" जीएसटी रिटर्न दाखिल करना आरंभ किया गया है, जिससे लगभग 22 लाख शून्य रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को मदद मिलने की उम्मीद है. यह करदाताओं की सुविधा बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है पिछले वर्षों के दौरान जीएसटी कंपोजिशन योजना में सुधार किया गया. सेवा प्रदाताओं को योजना के तहत शामिल किया गया, और विनिर्माताओं और व्यापारियों के लिए सीमा 1 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए प्रति वर्ष कर दी गई . इन उपायों से 25 लाख से अधिक करदाताओं को लाभ मिला .


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