सरकारी खरीद में शामिल 25 उत्पाद आयातित उपकरण इस्तेमाल करने की भी छूट

दूरसंचार विभाग (डॉट) ने बृहस्पतिवार को सरकारी खरीद में शामिल 25 ऐसे उत्पादों की सूची जारी की, जिसमें आयात किए उपकरणों के इस्तेमाल की छूट होगी

Update: 2021-09-03 03:24 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय अर्थव्यवस्था उत्पादन बढ़ाने के साथ 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ रही है। अगस्त में देश का निर्यात पिछले साल के मुकाबले 45 फीसदी बढ़कर 33.14 अरब डॉलर पहुंच गया है। हालांकि, आयात में इजाफा होने से व्यापार घाटा भी करीब 60 फीसदी बढ़ा है।

वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को आंकड़े जार बताया कि अगस्त, 2020 में कुल निर्यात 22.83 अरब डॉलर का था, जो इस साल करीब 45 फीसदी बढ़ गया है।

हालांकि, इस दौरान आयात में 51.47 फीसदी इजाफा हुआ और कुल आयात 47.01 अरब डॉलर पहुंच गया। पिछले साल अगस्त में यह 31.03 अरब डॉलर था। आयात बढ़ने की वजह से देश का व्यापार घाटा करीब 60 फीसदी बढ़कर 13.87 अरब डॉलर रहा।

अगस्त, 2020 में यह आंकड़ा 8.2 अरब डॉलर का था। 2021-22 में अब तक कुल निर्यात 163.67 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान में हुए 98.05 अरब डॉलर से 66.92 फीसदी ज्यादा है। चालू वित्तवर्ष में आयात भी 81.75 फीसदी बढ़कर कुल 219.54 अरब डॉलर रहा। कुल व्यापार घाटा भी बढ़कर 55.87 अरब डॉलर हो गया है। 

जुलाई में सबसे ज्यादा निर्यात

अवधि      निर्यात      वृद्धि

अप्रैल     30.63    195.72 फीसदी

मई        32.27     69.35 फीसदी

जून       32.46     47 फीसदी

जुलाई     35.43     49.8 फीसदी

अगस्त    33.14     45 फीसदी

नोट : आंकड़े अरब डॉलर में

दूरसंचार विभाग ने तय किए सरकारी खरीद में शामिल 25 उत्पाद आयातित उपकरण इस्तेमाल करने की भी छूट

दूरसंचार विभाग (डॉट) ने बृहस्पतिवार को सरकारी खरीद में शामिल 25 ऐसे उत्पादों की सूची जारी की, जिसमें आयात किए उपकरणों के इस्तेमाल की छूट होगी। दरअसल, सरकार ने चीन से आयातित दूरसंचार उत्पादों को सरकारी खरीद में शामिल होने से रोक लगा दी थी।

इसके बाद से ही नोकिया, इरिक्शन, सिस्को जैसी विदेशी कंपनियां अपने उत्पादों में शामिल आयातित उपकरणों पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहीं थी।

डॉट ने स्पष्ट किया है कि सैटेलाइट फोन, ब्रॉडबैंड उपकरणों, ऑप्टिकल फाइबर केबल, ब्रॉडबैंक मॉडम, राउटर, मोबाइल एंटीना सहित 25 उत्पादों को घरेलू विनिर्माण के तौर पर लिया जाएगा। भले ही इसमें इस्तेमाल उपकरणों को आयात किया गया हो। इन उत्पादों का इस्तेमाल भारतनेट, बीएसएनएल, रेलवे की परियोजनाओं के लिए होने वाली सरकारी खरीद में भी किया जा सकेगा।

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