नई दिल्ली | सोशल मीडिया कंपनी एक्स (पूर्व में ट्विटर) से एड रेवेन्यू स्कीम के तहत यूजर्स को मिलने वाली आय को जीएसटी कानून के तहत आपूर्ति माना जाएगा और इस पर 18 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होगा। विशेषज्ञों ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की किराये से आय, बैंक सावधि जमा पर ब्याज सहित अलग-अलग सर्विसेज से कुल आय एक वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक हो जाती है, तो उस पर टैक्स लगेगा।
हाल ही में एक्स ने अपने प्रीमियम ग्राहकों या वेरिफाइड संगठनों के लिए एड रेवेन्यू साझा करना शुरू किया है। इसका हिस्सा बनने के लिए खाते में पिछले तीन महीनों में पोस्ट पर 1.5 करोड़ इंप्रेशन और कम से कम 500 फॉलोअर्स होने चाहिए।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट: नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि सामग्री निर्माता एक्स (ट्विटर) से आय हासिल करता है तो वह जीएसटी में सेवा निर्यात मानी जाएगी। वहीं, ईवाई टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए कंटेंट बनाने और इसके जरिए आमदनी करने वाले लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। अग्रवाल ने कहा कि यह गतिविधियां जीएसटी के अधीन हैं और इसलिए ऐसे लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन, रिटर्न और टैक्स भुगतान जरूरतों का अनुपालन करना अनिवार्य है।