10वीं पास लड़के ने बनाई इलेक्ट्रिक बाइक, सिंगल चार्ज में चलती है 200 किमी
विकास की पटरी पर तेजी से दौड़ती दुनिया में लोग नए-नए आविष्कार कर रहे हैं. इसी के साथ मंहगाई भी तेजी से बढ़ रही है.
विकास की पटरी पर तेजी से दौड़ती दुनिया में लोग नए-नए आविष्कार कर रहे हैं. इसी के साथ मंहगाई भी तेजी से बढ़ रही है. साथ ही ईंधन के अधिक इस्तेमाल से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों को विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. इसी को आगे बढ़ाते हुए पंजाब के एक लड़के ने एक ऐसी इलेक्ट्रिक बाइक बनाई है. जो एक बार चार्ज करने पर 200 किमी तक चल जाती है. पंजाब के जिला श्री मुक्तसर साहिब के कोटली अबलू गांव के रहने वाले सिमरजीत सिंह बरार ने ये बाइक बनाई है. वो कम लागत में इतना बेहतरीन माइलेज देने वाली इलेक्ट्रिक बाइक बनाते हैं. वो कोई इंजीनियर नहीं हैं. वो सिर्फ 10वीं पास हैं. फिर भी अपनी रुचि और जुनून के चलते इस तरह की बाइक बनाने में कामयाब रहे हैं.
सिमरजीत ने जब पहली बाइक बनाई थी उसके बाद ही लोगों ने सिमरजीत को बाइक बनाने के ऑर्डर देने शुरू कर दिए. वो अब तक 46 बाइक बना चुके हैं. वो कहते हैं कि आज तक मुझे इनमें कोई भी शिकायत नहीं मिली है. ना ही आज तक उन्हें रिपेयर करने जाने की जरूरत पड़ी है. मार्केट में पेट्रोल-डीजल और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ी कीमत को देखते हुए उन्होंने ये बाइक बनाई है. सिमरजीत, घर में पैसों की कमी के कारण ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाए. कभी सब्जी बेची, कभी डिलीवरी बॉय का काम भी किया है. लेकिन आज अपनी कड़ी मेहनत और हुनर से लाखों रुपये कमा रहे हैं.
बाइक बनाने के बारे में कब सोचा
से बातचीत में सिमरजीत बताते हैं, "मेरे पिता किसान हैं. वो खेती किसानी का काम करते हैं. लेकिन कभी ट्रैक्टर बगैरह खराब हो जाने के पर पिताजी और दादा जी खुद ट्रैक्टर की मरम्मत करते थे. उन्हें देखकर ही मैं बड़ा हुआ और इस फील्ड में मेरा शौक बढ़ गया." वो कहते हैं कि मुझे बचपन में बाजार के इलेक्ट्रिक खिलौने नहीं पसंद थे, मैं खुद के खिलौने बनाकर खेलता था. लेकिन मेरे घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि मैं इंजीनियरिंग कर सकूं. इसलिए मैंने खुद से ही सब कुछ सीखा.
वो बताते हैं कि मैंने 14 साल की उम्र से काम करना शुरू कर दिया था. घरवाले चाहते थे मैं पढ़-लिखकर डॉक्टर बनूं लेकिन घर के हालात मैं जानता था. इसलिए मैंने सब्जी बेचने का काम शुरू किया. फिर फूड डिलीवरी का काम शुरू किया. लेकिन मेरा वह काम ज्यादा समय तक नहीं चल सका. मैं शुरू से ही इलेक्ट्रिक की चीज बनाना चाहता था. जिसके चलते सबसे पहले मैंने LED बल्ब बनाना सीखा और इसका काम शुरू किया लेकिन ये ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका. वो बताते हैं कि गांववाले मुझे किसी कंपनी में नौकरी करने के लिए कहते थे. लेकिन सिमरजीत खुद का काम करना चाहते थे. वो खुद के लिए इलेक्ट्रिक बाइक बनाना चाहते थे.
वो कहते हैं, "मेरे गांव में एक इलेक्ट्रिक स्कूटी आई थी. वो मुझे काफी पसंद आई लेकिन जब मैंने उसका प्राइस पूछा तो उसने कहा 50 हजार रुपये की है. तो मुझे उसकी कीमत बहुत ज्यादा लगी. जिसके बाद मैंने खुद के लिए बाइक बनाने का फैसला किया." लेकिन उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि बाइक कैसे बनाई जाएगी. फिर उन्होंने यू-ट्यूब पर इलेक्ट्रिक बाइक बनाने की जानकारी जुटाई. पहले मुझे सिर्फ पंजाबी ही आती थी, इंग्लिश मैं अभी भी नहीं जानता हूं. और यूट्यूब पर ज्यादातर वीडियो हिंदी या इंग्लिश में होती थीं. जिसे समझने में मुझे बहुत मेहनत लगती थी. फिर मैंने अपनी पुरानी बाइक को इलेक्ट्रिक में बदलने का फैसला किया. सामान खरीदने के लिए पैसे जुटाने शुरू किए. फिर दिल्ली से बाइक का सामान खरीदा. मैं रात को रिसर्च करता था और पूरा दिन बाइक बनाने में मेहनत करता था.
आखिरकार मैं पहली बाइक बनाने में सफल रहा. जो सिर्फ 30 किमी ही चल पायी थी. उसे बनाने में दो महीने का वक्त लग गया था लेकिन मैंने उसमें और बदलाव किए और उसे 50 किमी तक उसका एवरेज बढ़ाया. उसे बनाने में मुझे तकरीबन 50 हजार रुपये का खर्च आया था. उसकी कीमत सिर्फ 20 हजार ही थी. बाकी 30 उसके ट्रायल में लग गए.
घरवाले कहते थे पैसा और समय बर्बाद मत कर
वो बताते हैं शुरुआत में सब विरोध करते थे गांववाले कहते थे कि इसमें इतने पैसे क्यों बर्बाद कर रहा है. इतने में तो नई बाइक आ जाएगी. घरवाले कहते थे कि कुछ अच्छा काम कर इसमें समय और पैसा दोनों बर्बाद मत कर. लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी. उन्हें सिर्फ अपने मन का करना था. इसी के चलते उन्होंने किया. वो कहते हैं कि मैंने अपने शौक के लिए बाइक बनाई थी, मुझे इससे पैसे नहीं कमाने थे. फिर मैं अपनी बाइक से ही गांव में घूमा करता था. गांव के एक व्यक्ति को मेरी बाइक पसंद आई और उसने मुझसे अपने लिए बाइक बनाने को कहा. मैंने उनके लिए जो बाइक बनाई वो मेरी पहली बाइक से रफ्तार और माइलेज में बेहतर थी. उसके बाद वो फोटो मैंने फेसबुक पर पोस्ट किया जिसके बाद मेरे पास और भी लोग बाइक बनवाने आ गए.
बाइक की क्या है खासियत
सिमरजीत अब तक 46 बाइक बना चुके हैं. उन्हें बाइक बनाते हुए एक साल हो गया है. उनके घर में पिताजी, चाचा और सिमरजीत तीनों ने मिलकर अपने घर में खाली जगह पर गैरेज बना लिया है. वे तीनों मिलकर काम करते हैं. उनकी बनाई हुई 46 बाइकों में अभी तक कोई दिक्कत नहीं आई है. वो कहते हैं कि मुझे आज तक रिपेयर करने नहीं जाना पड़ा है. मेरी बनाई हुई बाइक की स्पीड लगभग 80 किमी प्रतिघंटा है. और अब तक सबसे ज्यादा एवरेज देने वाली बाइक एक बार चार्ज करने पर 200 किमी चलती है. बाइक को फुल चार्ज करने में सिर्फ तीन घंटे का समय लगता है. वो कहते हैं कि 200 किमी से ज्यादा बाइक चलाने की जरूरत भी नहीं है इतना चलना पर्याप्त है.
अब आगे क्या करना चाहते हैं
सिमरजीत से कई लोग बाइक बनवाने आते हैं. लेकिन आगे वो बाइक के अलावा इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बनाना चाहते हैं. उनका कहना है कि इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बनाने से किसानों को काफी मदद मिलेगी और मेरा सपना भी पूरा होगा. अब उन्हें ट्रैक्टर बनाने के लिए पैसों की या इंवेस्टर की जरूरत है. वो अब अपने अगले इलेक्ट्रिक व्हीकल की तैयारी में जुट गए हैं. उनका कहना है कि हमारे यहां ज्यादातर युवा बाहर विदेशों में जाकर नौकरी कर रहे हैं. लेकिन मैं अपने देश में रहकर ही खुद का काम करना चाहता हूं और इलेक्ट्रिक व्हीकल की कंपनी बनाना चाहता हूं. जिससे मैं और भी लोगों को रोजगार दे सकूं.न्यूज़ 18