100 करोड़ कोरोना टीकाकरण से देश की अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर, जाने
कोरोना वायरस के खिलाफ जारी युद्ध में भारत ने नया कीर्तिमान बनाया है. टीकाकरण 100 करोड़ के पार पहुंच गया है. अब सवाल उठता है कि इसका देश की अर्थव्यवस्था और आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा. आइए जानते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में आज कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा 100 करोड़ डोज के पार चला गया है. जनवरी में कोविड-19 के खिलाफ भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था और आज देश में 100 करोड़ डोज का ऐतिहासिक आंकड़ा पूरा हो चुका है. कोरोना वायरस के खिलाफ जारी युद्ध में भारत ने ये नया कीर्तिमान बनाया है. इसके साथ टीकाकरण की इस नई उपलब्धि से देश की अर्थव्यवस्था और आपकी जेब पर पर भी असर पड़ेगा. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.
100 करोड़ टीकाकरण से देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?
कोरोना टीकाकरण के इस नए कीर्तिमान से देश की अर्थव्यस्था में रिकवरी में और तेजी आएगी. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में इससे मदद मिलेगी. इसका मतलब है कि ज्यादा से ज्यादा उद्योग, छोटे और बड़े कारोबार को कोरोना-पूर्व के स्तर पर पहुंचने में मदद होगी. क्योंकि ज्यादा से ज्यादा लोग घर से बाहर और काम पर लौट सकेंगे. लोग जब घर से बाहर निकलेंगे, तो वे खरीदारी करेंगे. आने वाले दिनों में दिवाली और फिर कई बड़े त्योहार आ रहे हैं. इस दौरान लोग बाहर निकलकर खरीदारी करेंगे. और इससे खर्च बढ़ेगा और अर्थव्यस्था को बढ़ने में मदद मिलेगी. देश के आर्थिक विकास में इससे तेजी आने की उम्मीद है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी हाल ही में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अपने आर्टिकल में कहा था कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने और कोविड-19 में मृत्यु दर के घटने से भारत लंबी अवधि में बनी रहने वाली और समावेशी ग्रोथ की ओर बढ़ेगा. आरबीआई ने यह भी कहा है कि घरेलू डिमांड मजबूत हो रही है, जबकि सप्लाई की स्थिति में भी सुधार आ रहा है. मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के साथ एग्रीकल्चर सेक्टर में भी रिवाइवल हो रहा है. टीकाकरण और कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण से मांग तेजी से बढ़ेगी और इससे तमाम सेक्टर्स को फायदा मिलेगा.
टीकाकरण और कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने से टूरिज्म, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस, रेस्टोरेंट आदि सभी सेक्टर्स में तेजी से रिकवरी होगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हाल में कहा है कि देश में इस साल करीब डबल डिजिट (10 फीसदी से ज्यादा) की ग्रोथ रहेगी. और भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में एक रहेगा. सीतारमण ने आगे कहा कि 2022 में, आर्थिक ग्रोथ 7.5-8.5 फीसदी की रेंज में रहेगी, जो अगले दशक में भी बनी रहेगी. विश्व बैंक, IMF और रेटिंग एजेंसियों, सभी ने भारत के लिए इस तरह की ग्रोथ की बात की है.
वैक्सीनेशन के इस वर्ल्ड रिकॉर्ड से आप पर क्या असर होगा?
टीककारण के इस कीर्तिमान से कोरोना को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी. कारोबार के साथ देश की सभी इंडस्ट्री कोरोना पूर्व के स्तर पर लौट सकेंगी. तो, इससे आम लोगों को भी फायदा मिलेगा. कंपनियां ज्यादा लोगों को नौकरी में रख सकेंगी और लोगों की कमाई भी बढ़ेगी. खुद का कारोबार करने वाले, बाजार में दुकानदारों से लेकर नौकरी करने वालों सभी लोगों को इसका फायदा मिलेगा. जब ज्यादा लोग घऱ से बाहर निकलेंगे, तो वे खरीदारी करेंगे, खर्च करेंगे, जिससे छोटे कारोबार और दुकान चलाने वालों की कमाई बढ़ेगी, जिसमें मार्च 2020 के बाद बड़ी गिरावट आई है. बहुत से लोगों को अपने कारोबारों और दुकानों को बंद भी करना पड़ा था. लेकिन अब उनके लिए बड़ी उम्मीद आई है.
इसके अलावा नौकरीपेशा लोगों को भी फायदा होगा. जब कंपनियों का रेवेन्यू, मुनाफा बढ़ेगा, तो कंपनियां इसका फायदा आगे अपने कर्मचारियों तक भी पहुंचाएंगी. भारत में हाई सैलरी का दौर फिर लौटने की उम्मीद है. एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि 2022 में भारत में कर्मचारियों के वेतन में औसतन 9.3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. 2021 में इसके 8 फीसदी रहने का अनुमान है. वैश्विक सलाहकार, ब्रोकिंग और समाधान कंपनी विलिस टावर्स वॉटसन की 'सैलरी बजट प्लानिंग रिपोर्ट' (Salary Budget Planning Report) में कहा गया है कि एशिया-प्रशांत में अगले साल सबसे अधिक वेतनवृद्धि भारत में होगी. अगले 12 महीने के दौरान कारोबारी परिदृश्य में सुधार की उम्मीद है. यह रिपोर्ट छमाही सर्वे है. यह सर्वे मई और जून, 2021 के दौरान एशिया-प्रशांत की विभिन्न उद्योग क्षेत्रों की 1,405 कंपनियों के बीच किया गया. इनमें से 435 कंपनियां भारत की हैं.
इसके अलावा तमाम सेक्टर्स की कंपनियां ज्यादा लोगों को नौकरियां भी दे सकेंगी. इससे पिछले दो साल से रोजगार के मौकों की कमी की मुश्किल का सामना कर रहे युवाओं को राहत मिलेगी.