जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दरअसल, हम बात कर रहे हैं देश-विदेश में अपनी पहचान बना चुकी 40 वर्षीय बॉडी बिल्डर यास्मीन चौहान की। जिन्होंने मिस एशिया बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। वह साल 2016 में मिस इंडिया बॉडी बिल्डर का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं।
बता दें कि यास्मीन मूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं, लेकिन इस समय वह अपने पति के साथ गुड़गांव में रहती हैं। वह मिस इंडिया डबल्स में स्वर्ण और मिस एशिया चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की एकमात्र महिला हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान यास्मीन ने बताया था कि मैं बचपन से काफी पतली थी, वजन बढ़ाने के लिए इलाज भी कराया, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। लोग मुझको बदसूरत बोलते थे, लेकिन मैंने हार नहीं मानी, क्योंकि मुझको यकीन था कि एक दिन में जरूर खूबसूरत लगूंगी। अब वही लोग मेरी तारीफ करने से नहीं थकते हैं। यास्मीन आज के समय में अच्छे-अच्छे मर्दों की पटखनी लगाती हैं।
यास्मीन ने कहा कि मैंने 17 की उम्र में जिम जाना शुरू कर दिया था। उस वक्त लड़कियों के लिए जिम जाना काफी मुश्किल था, लेकिन मे घरवालों ने मैरा हौंसला बढ़ाया और आगे बढ़ने के लिए सपोर्ट किया। इस दौरान कई लोग मुझे ताना मारते थे, लेकिन मैंने कभी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। फिर धीरे धीरे मेरी बॉडी के साथ साथ खूबसूरती भी दिखाई देने लगी।
बता दें कि यास्मीन गुड़गांव में अपना एक जिम चलाती हैं, जिसमें करीब 300 लड़के और लड़कियां आती हैं। वह बताती हैं कि पहली बार कोई जब जिम ज्वॉइन करने आता है तो वह मेरे बारे में जानकर हैरान हो जाता है। वह यही पूछते हैं कि आप लड़की होकर लड़कों की फिटनेस और बॉडी बनवाती हैं।
यास्मीन खुद को मेहनती, मजबूत और फोकस्ड वुमेन मानती हैं। वे कहती हैं कि अगर मैंने अपने लिए कोई गोल डिसाइड कर लिया तो मुझे उसे पाने से कोई भी नहीं रोक सकता है।
यास्मीन ने के दिलो-दिमाग पर बस एक ही जुनून था, बॉडी बिल्डर बनना। जब बॉडी बनानी शुरू की तो लोगों ने उन्हें देख ट्रांसजेंडर कहकर पुकारने लगे। तो कोई उनका शरीर देखकर मर्द जैसा कहने लगा। यास्मीन ने सभी का जवाब अपनी मेहनत से दिया।
अपने पति के साथ बॉडी बिल्डर गर्ल्स यास्मीन चौहान।
यास्मीन चौहान आज के समय में जिम ट्रेनिंग के अलावा वह मॉडलिंग करती हैं। वह सरकार के कई विज्ञापन में भी नजर आ चुकी हैं।