सहनशक्ति और धीरज को कायम रखें ये ध्यान मंत्र, जानें इससे आने वाली संकट कैसे टले
राहु छाया ग्रह हैं। इसकी अपनी कोई राशि नहीं होती है। सभी राशियों में यह स्थान के अनुसार फल प्रदान करते हैं।
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | राहु छाया ग्रह हैं। इसकी अपनी कोई राशि नहीं होती है। सभी राशियों में यह स्थान के अनुसार फल प्रदान करते हैं। सबसे अहम बात यह है कि राहु की कुंडली में कमजोर या खराब अवस्था होने पर जिंदगी में आकस्मिक खतरों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जातक को चोट लगने का संकट रहता है। इन सभी से निजात पाने के लिए राहु के इस ध्यान मंत्र को शांत भाव से दोहराएं-
कराल वदनः खड्गचर्मशूली वरप्रदः
नील सिंहासनस्थश्च राहुरत्रप्रशयते
वही राहु के इस मंत्र से अप्रत्याशित हादसों में कमी आएगी। बार बार काम प्रभावित होने अथवा स्थानांतरण की अवस्था पर नियंत्रण आएगा। राहु के मित्र शनि तथा शुक्र हैं। केतु इनसे हमेशा 180 डिग्री पर उपस्थित रहते हैं। राहु का यह ध्यान मंत्र शनि के दोषों में भी कमी लाता है। राहु के इस मंत्र की शुरुआत उच्चारण के साथ करें। आहिस्ता-आहिस्ता यह मंत्र नियंत्रित होगा एवं ध्यान बढ़ जाएगा। इस तरह मौन में यह जाप चलता रहेगा। इससे सहनशक्ति तथा धीरज में बढ़ोतरी होगी। कुंडली में बनने वाले पितृ दोष तथा ग्रहण दोषों से छुटकारा मिलेगा। राहु संबंधी पदार्थों जैसे रासायनिक सामग्री, विस्फोटक सामग्री तथा समाज में स्तरहीन माने जाने कामों को करने वाले व्यक्तियों को इस मंत्र से कामयाबी प्राप्त होगी। घर में नेरक्त्य कोण से संबंधी वास्तु दोष भी इस मंत्र के असर से दूर होते हैं।