ज्योतिष के अनुसार : नीलम रत्न धारण करने से क्या जीवन पर पड़ेगा, इनका शुभ प्रभाव

उज्जैन. ज्योतिशास्त्र के अनुसार नीलम रत्न का संबंध शनि से होता है।

Update: 2021-01-21 08:22 GMT

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | उज्जैन. ज्योतिशास्त्र के अनुसार नीलम रत्न का संबंध शनि से होता है। नीलम जब किसी को सकारात्मक परिणाम देता है तो कुछ ही दिनों में वह उस व्यक्ति को सुख-संपदा और ऐश्वर्य से परिपूर्ण बना देता है और अगर बुरा प्रभाव देने पर आए तो व्यक्ति को भिखारी भी बना देता है। इसलिए नीलम बहुत ही जांच परख कर धारण किया जाना चाहिए। आइए जानते हैं नीलम रत्न के बारे में कुछ जानकारियां...

1. नीलम रत्न को पहनने से पहले किसी अच्छे ज्योतिष से अपनी कुंडली दिखाकर सलाह जरूर लेनी चाहिए।

2. नीलम के प्रतिकूल होने पर दुर्घटनाएं और शारीरिक कष्ट बढ़ने लगते हैं।

3. नीलम व्यक्ति के शुभ नहीं होने पर धारण करने वाले को तुरंत आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। 4. नीलम अगर अनुकूल नहीं है तो बुरे और डरावने सपने आने लगते हैं।

5. नीलम रत्न का प्रभाव बहुत ही तेजी से दिखता है। अगर यह रत्न आपके लिए अनुकूल नही हैं तो आंखों में तकलीफ महसूस होने लगती है।

6. नीलम जिनके लिए अनुकूल और शुभ होता है उन्हें धारण करते ही शुभ फल देने लगता है। सबसे पहले तो स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी चल रही है तो उससे राहत मिलनी शुरू हो जाती है।

7. नीलम शुभ होने पर धारण करने वाले व्यक्ति को आर्थिक लाभ मिलने के साथ नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के संकेत भी शुरू हो जाते हैं।

8. नीलम धारण करने के बाद आपके साथ कुछ अशुभ घटना न हो तब यह समझना चाहिए कि आपके लिए यह रत्न शुभ है।

9. जन्म कुंडली में शनि की महादशा विपरीत हो तो उसके लिए नीलम बेहद शुभ होता है। नीलम पहनते ही कमजोर शनि का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

10. जिन लोगों का जन्म वृष लग्न और तुला लग्न में होता है उनके लिए नीलम राजयोग की कारक होता है।

11. नीलम रत्न को घर पर लाने के बाद उसे गंगाजल से भरे किसी पात्र में रख देना चाहिए और शनिवार के दिन धारण कर इसके प्रभाव के बारे में ध्यान से देखना चाहिए।

12. नीलम रत्न पहनने पर मन की एकाग्रता बढ़ने लगती है जिससे सफलता की दर भी बढ़ जाती है।

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