रूस यूक्रेन जंग के बाद पहली बार रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मंच साझा करेंगे। खास बात यह है पीएम मोदी, चिनफिंग और शाहबाज ऐसे समय एक मंच साझा कर रहे हैं, जब दोनों देशों के साथ भारत के बेहतर संबंध नहीं है। सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ संबंध तनाव के चरम पर है, वहीं आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के संबंधों में कटुता बनी हुई है। ऐसे में तीनों नेताओं का एक साथ मंच साझा करने के क्या निहितार्थ हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ इस कूटनीतिक मुलाकात को किस रूप में ले रहे हैं। क्या चीन और पाकिस्तान के रिश्तों में नरमी आएगी? क्या चीनी राष्ट्रपति सीमा विवाद पर चर्चा करने को तैयार होंगे? इसके साथ यह मोदी और पुतिन के साथ होने वाली वार्ता भी काफी अहम मानी जा रही है। दोनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब यूक्रेन जंग खत्म करने के सभी कूटनीतिक पहल निराशाजनक रही है।