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इजराइल पर क्यों भड़के सऊदी, यूएई, पाकिस्तान समेत कई इस्मालिक देश? अमेरिका ने जताई चिंता

Rani Sahu
6 Jan 2023 12:24 PM GMT
इजराइल पर क्यों भड़के सऊदी, यूएई, पाकिस्तान समेत कई इस्मालिक देश? अमेरिका ने जताई चिंता
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इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री और कट्टर दक्षिणपंथी नेता इतामार बेन गिवीर ने मंगलवार को यरुशलम की 'अल-अक्सा' मस्जिद परिसर का दौरा किया था। इस दौरे के बाद कई मुस्लिम देश इजरायली मंत्री पर भड़क गए। सऊदी अरब, जॉर्डन, फिलीस्तीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), पाकिस्तान समेत कई इस्लामिक देशों ने इतामार बेन गिवीर इस दौरे की कड़ी निंदा की है। वहीं अमेरिका ने भी इजरायली मंत्री के दौरे पर चिंता जाहिर की।
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने इजरायली मंत्री के अल-अक्सा मस्जिद दौरे की कड़ी निंदा करते हुए फिलिस्तीन की आजादी की मांग का समर्थन किया। वहीं सयुंक्त राष्ट्र अमीरात ने कहा कि इजरायल ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएं जिससे यरुशलम क्षेत्र में और तनाव बढ़े। जार्डन ने इजरायली मंत्री के इस दौरे की कड़ी निंदा करते हुए इजराइल के राजदूत को तलब किया।
इसके अलावा पाकिस्तान के सुरक्षा मंत्री के इजरायली मंत्री के अल-अक्सा मस्जिद परिसर दौरे को असंवेदनशील और भड़काऊ बताया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि "पाकिस्तान यूएन और ओआईसी प्रस्तावों के अनुसार, 1967 से पहले की सीमाओं के आधार पर स्वतंत्र फिलिस्तीनी देश का समर्थन करता है।"
इजरायली मंत्री के अल-अक्सा मस्जिद दौरे पर अमेरिका ने चिंता व्यक्त की। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि "सयुंक्त राज्य अमेरिका यरूशलम में पवित्र स्थलों के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के लिए मजबूती से खड़ा है। कोई भी एकतरफा कार्रवाई जो यथास्थिति को खतरे में डालती है, अस्वीकार्य है।"
वहीं अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि "इतामार बेन गिवीर की यात्रा से संयुक्त राज्य अमेरिका काफी चिंतित है, उनका भड़काऊ बयानों का इतिहास रहा है और उन्हें प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नई सरकार में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा पद दिया गया है। नेट प्राइस ने कहा कि इस दौरे में तनाव को बढ़ाने और हिंसा को भड़काने की क्षमता है।"
बता दें, अल-अक़्सा मस्जिद को मक्का-मदीना के बाद इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। वहीं यहूदियों के लिए भी यह जगह सबसे पवित्र मानी जाती है। इसके अलावा यहूदी मस्जिद परिसर में जा सकते हैं, लेकिन उनके प्रार्थना करने पर रोक है।
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