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अपनी गलतियों से कब सीखेगा कंगाल पाकिस्तान, IMF ही सबकुछ तय कर रहा

Neha Dani
24 Jun 2022 6:14 AM GMT
अपनी गलतियों से कब सीखेगा कंगाल पाकिस्तान, IMF ही सबकुछ तय कर रहा
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आप सोच भी नहीं सकते हैं. पीटीआई हमें उसी राह पर ले जाना चाहती थी. अब अराजकता फैलाने का काम चल रहा है.

इस्लामाबाद. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई है. इसका असर उसकी संप्रभुता पर भी पड़ने लगा है. यहां तक कि अब वह अपना बजट तक अपनी मर्जी से तैयार नहीं कर सकता है. शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) सरकार की मंत्री शेरी रहमान ने यह बात कही है. उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान खान की सरकार ने ऐसे फैसले लिए थे कि पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया. अब उसके उसके पास बजट तैयार करने में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की शर्तों को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में बजट को लेकर चर्चा के दौरान उन्होंने यह बात कही.

पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक चर्चा के दौरान रहमान ने कहा, 'यह पूरी तरह से आईएमएफ का बजट है. इस बात में हमें कोई संदेह नहीं है.' उनके अलावा कई और सांसदों ने इमरान खान की पूर्ववर्ती सरकार पर हमला बोला और कहा कि उनके आर्थिक फैसलों ने ही देश को इस हालत में पहुंचा दिया है. उन्होंने कहा कि इमरान खान की सरकार ने तो अर्थव्यवस्था को बच्चों का खेल बना दिया था. आज आईएमएफ से नाराज है कि आप वह फैसले नहीं लिए हैं, जिनके वादे किए गए थे. आज हम उनके बोझ को अपने सिर पर उठाने के लिए मजबूर हैं
पाक नेशनल असेंबली में शेरी रहमान बोलीं, 'अगर यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का बजट है. किसने उसके आगे हमारे हाथों को बांध दिया था.' उन्होंने कहा, 'इमरान खान की सरकार ने 4 साल के कार्यकाल में देश को डिफॉल्टर बना दिया. एक तरफ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को वह तबाह कर गए. अब सत्ता से बाहर हैं, तो अराजकता फैलाना चाहते हैं.' पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सांसद शेरी रहमान ने कहा कि अगर इमरान खान सत्ता में और कुछ वक्त बने रहते तो यह देश श्रीलंका बनने की कगार पर पहुंच जाता.
उन्होंने कहा कि इमरान खान के दौर में पाकिस्तान ट्रेन की गति से बर्बादी की तरफ बढ़ रहा था. नई सरकार ने उस पर ब्रेक लगाने का काम किया है, भले ही वह इससे ज्यादा कुछ नहीं कर पाई है. इसी को क्राइसिस मैनेजमेंट कहा जाता है. उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार आम लोगों पर बोझ नहीं डालना चाहती है, लेकिन देश के लिए काम करने वाली सरकार को कुछ कड़े फैसले लेने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी मुल्क श्रीलंका दिवालिया हो चुका है और जो हाल उसमें होता है, आप सोच भी नहीं सकते हैं. पीटीआई हमें उसी राह पर ले जाना चाहती थी. अब अराजकता फैलाने का काम चल रहा है.


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