विश्व

भारत की 'अग्निपथ स्कीम' में क्या शुरू होगी गोरखा सैनिकों की भर्ती

Subhi
16 Sep 2022 1:09 AM GMT
भारत की अग्निपथ स्कीम में क्या शुरू होगी गोरखा सैनिकों की भर्ती
x
भारत की तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) के मुद्दे को फिलहाल नेपाल (Nepal) ने ठंडे बस्ते में डालने का फैसला किया है. नेपाल ने कहा है

भारत की तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) के मुद्दे को फिलहाल नेपाल (Nepal) ने ठंडे बस्ते में डालने का फैसला किया है. नेपाल ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर इस साल नवंबर में होने वाले चुनाव के बाद फैसला करेगा. इसके साथ ही फिलहाल इस मुद्दे पर विवादों की आग शांत पड़ती दिख रही है. साथ ही नेपाल में भी अग्निपथ स्कीम के तहत सेना की भर्ती का रास्ता खुलता दिख रहा है.

नवंबर में संसदीय चुनाव के बाद फैसला

नेपाल (Nepal) के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सेवा लामसाल ने कहा कि इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है. अभी तक नेपाल और भारत सरकार के बीच इस विषय पर बातचीत भी नहीं हुई है. लिहाजा फैसला लिया गया है कि नवंबर में संसदीय चुनावों के बाद इस अहम मुद्दे पर कोई फैसला लिया जाएगा. नेपाली विदेश मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण भारत में तैनात नेपाल के राजदूत शंकर प्रसाद शर्मा के उस बयान के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) पर भारत और नेपाल के बीच बातचीत जारी है.

आर्मी चीफ ने नेपाल को चेताया

इस मुद्दे पर नेपाल (Nepal) की हिचक और काठमांडू में सेना भर्ती रैली में हो रही देरी को देखते हुए भारतीय सेना भी सख्त हो गई है. आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि अगर नेपाल सरकार नियत तारीख तक भर्ती की मंजूरी नहीं देती है तो नेपाली गोरखा युवकों की रिक्तियों को भारत के दूसरे हिस्सों में रि-डिस्ट्रिब्यूट कर दिया जाएगा.

सरकार ने 14 जून को घोषित की थी योजना

भारत सरकार ने लंबे विचार-विमर्श के बाद 14 जून को देश की तीनों सेनाओं में अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) की घोषणा की थी. इस स्कीम में चुने गए सैनिको को अग्निवीर सैनिक कहा जाएगा और वे अधिकतम 4 वर्ष तक सेना में ड्यटी कर सकेंगे. इसके बाद उनमें से 75 प्रतिशत को 11 लाख रुपये देकर रिटायर कर दिया जाएगा. रिटायर हुए सैनिकों को कोई पेंशन भी नहीं दी जाएगी. बाकी बचे हुए 25 प्रतिशत सैनिकों को रेग्युलर सैनिक बना लिया जाएगा और वे 20 वर्ष तक सेवा कर सकेंगे. उन्हें पेंशन समेत बाकी सब सुविधाएं मिलेंगी.

योजना को लेकर नेपाल में आशंका

नेपाल (Nepal) सरकार को आशंका है कि भारत सरकार के इस फैसले से उसके देश में बेरोजगार सैनिकों की फौज तैयार हो जाएगा, जिसे संभालना उसके लिए मुश्किल हो जाएगा. आधुनि(ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर)


Next Story