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लुहांस्क और डोनेस्टक को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देने के पीछ क्‍या है पुतिन की मंशा, मुश्किल दौर में पहुंचा रूस-यूक्रेन का संघर्ष

Bhumika Sahu
22 Feb 2022 5:54 AM GMT
लुहांस्क और डोनेस्टक को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देने के पीछ क्‍या है पुतिन की मंशा, मुश्किल दौर में पहुंचा रूस-यूक्रेन का संघर्ष
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रूसी राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की स्वतंत्रता को मान्यता देकर पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है। पुतिन ने यूक्रेन दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेस्टक को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है। आखिर इसके पीछे पुतिन की क्‍या बड़ी मंशा है?

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन संघर्ष अब एक जटिल मोड़ पर पहुंच गया है। रूसी राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की स्वतंत्रता को मान्यता देकर पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है। पुतिन ने यूक्रेन दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेस्टक को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है। आखिर इसके पीछे पुतिन की क्‍या बड़ी मंशा है? ऐसा करके क्‍या पुतिन ने एक नए बफर जोन की स्‍थापना की है? अब नाटो व अमेरिका का क्‍या स्‍टैंड होगा? यूक्रेन पर पुतिन की क्‍या बड़ी चिंता है? पुतिन ने क्‍यों कहा कि यूक्रेन नाटो व अमेरिका का एक कालोनी बन चुका है? आइए जानते हैं कि इस पर विशेषज्ञों की क्‍या राय है।

1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि रूसी राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। रूस ने यूक्रेन दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेस्टक को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है। इसके पीछे पुतिन की एक बड़ी मंशा है। ऐसा करके पुतिन ने एक नए बफर जोन की स्‍थापना की है। उन्‍होंने कहा दरसअल यूक्रेन में नाटो व अमेरिका का जिस तरह से दखल बढ़ रहा था, उससे पुतिन को चिंता बढ़ गई थी। पुतिन यह बार-बार कह रहे थे कि यूक्रेन नाटो व अमेरिका का एक कालोनी बन चुका है।
2- प्रो पंत ने कहा कि अमेरिका व नाटो देश यूक्रेन का इस्‍तेमाल रूसी विरोध के रूप में कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल में पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन में रशियन भाषा को हर जगह से समाप्‍त करने की साजिश रची जा रही है। स्‍कूल के आफिस से रशियन भाषा को खत्‍म किया जा रहा है। रूस के पास ऐसे सबूत हैं जिससे पता चलता है कि यूक्रेन में रूस के लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
3- उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रपति पुतिन को यह चिंता सता रही थी कि यूक्रेन के पास एटम बम है। पुतिन की मानना है कि यह रूस की सामरिक सुरक्षा के लिए घातक था। यही वजह है कि पुतिन ने कहा था कि हम यूक्रेन को रूस के लिए खतरा नहीं बनने देंगे। प्रो पंत ने कहा कि सीधे युद्ध के बजाए पुतिन ने लुहांस्क-डोनेस्टक को स्वतंत्र देश घोषित करके कूटनीतिक जंग को और तेज कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि नोटो सदस्‍य देश व अमेरिका यूक्रेन को किस तरह से मदद करता है। पुतिन के इस फैसले पर अमेरिका का क्‍या स्‍टैंड होता है।
4- पुतिन ने कहा कि यूक्रेन की सेना को नाटो हेडक्वार्टर से कमांड है। यूक्रेन के नाटो में शामिल होने से रूस को खतरा हो सकता है। राष्ट्रपति पुतिन ने आगे कहा कि रूस के विरोध के लिए अमेरिका ने यूक्रेन और जार्जिया का इस्तेमाल किया है। अमेरिका रूस को मजबूत नहीं देखना चाहता है। अमेरिका की राजनीति कमजोर रूस पर केंद्रीत है। उन्होंने कहा कि रूस ने अमेरिका से नाटो में शामिल करने की इच्छा जाहिर की थी। प्रो. पंत ने कहा है कि पुतिन ऐसा कहकर दुनिया के सामने यह दिखाना चाहते हैं कि उनका फैसला रूस के सामरिक हितों के अनुरूप है। यूक्रेन में नाटो व अमेरिकी दिलचस्‍पी से निपटने का यह पुतिन का तरीका है।


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