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तालिबान द्वारा इस्तेमाल की जा रही वेबसाइट्स हुई बंद, वॉट्सऐप ने संगठन से जुड़े कई ग्रुप को भी हटाया

Neha Dani
21 Aug 2021 4:43 AM GMT
तालिबान द्वारा इस्तेमाल की जा रही वेबसाइट्स हुई बंद, वॉट्सऐप ने संगठन से जुड़े कई ग्रुप को भी हटाया
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लेकिन यूएस ने उस पर प्रतिबंध लगा रखा है.

अफगानी लोगों और दुनिया भर में अधिकारिक मैसेज भेजने के लिए तालिबान द्वारा इस्तेमाल की जा रही वेबसाइट्स शुक्रवार को बंद हो गई. इसे तालिबान के खिलाफ क्रैकडाउन की कोशिश के तौर पर देखा रहा है. ये वेबसाइट्स 5 भाषाओं में है. हालांकि यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि पश्तो, उर्दू, अरबी, अंग्रेजी और दारी भाषाओं में ये वेबसाइट्स बंद क्यों हुई. इन वेबसाइट्स को क्लाउडफ्लेयर के जरिए सुरक्षा प्रदान थी, जो सैन-फ्रांसिस्को स्थित एक कंटेंट डिलिवरी नेटवर्क है.

क्लाउडफ्लेयर ने द वाशिंगटन पोस्ट (सबसे पहले इसकी रिपोर्ट करने वाली संस्था) को इस मामले पर ईमेल या फोन का जवाब नहीं दिया. क्लाउडफ्लेयर शील्ड लोगों को यह जानने से रोकता है कि असल में वेबसाइट को कौन चलाता है. वहीं ऑनलाइन उग्रवाद पर नजर रखने वाले साइट इंटेलीजेंस ग्रुप की डायरेक्टर रीता काट्ज के मुताबिक, शुक्रवार को वॉट्सऐप ने भी कई सारे तालिबानी ग्रुप को अपने प्लेटफॉर्म से हटाया है.
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (AP) के मुताबिक, वेबसाइट्स का बंद होना अस्थायी हो सकता है क्योंकि तालिबान उस पर नियंत्रण को नए सिरे से सुरक्षित करने की कोशिश कर रहा हो. वहीं वाट्सग्रुप को हटाने की कार्रवाई फेसबुक द्वारा मंगलवार को तालिबान अकाउंट्स पर बैन लगाने के बाद की गई है. तालिबान के खिलाफ ये 'ऑनलाइन कार्रवाई' उसके अफगानिस्तान पर नियंत्रण के बाद हो रही है.
वॉट्सऐप के प्रवक्ता डेनिएल मिस्टर ने ग्रुप को हटाए जाने की पुष्टि नहीं की, लेकिन उन्होंने एक बयान का संदर्भ दिया, जो कंपनी ने इस सप्ताह के शुरू में जारी किया था. इसके मुताबिक, कंपनी अमेरिकी प्रतिबंध कानूनों का पालन करने के लिए बाध्य है. इसमें उन अकाउंट्स पर बैन लगाना शामिल है, जो खुद को तालिबान के आधिकारिक अकाउंट के रूप में पेश करते हैं.
ट्विटर ने अब तक नहीं हटाया अकाउंट
काट्ज ने न्यूज एजेंसी को ईमेल के जरिए बताया कि उन्हें उम्मीद है कि तालिबान वेबसाइट्स का हटाया जाना उसके ऑनलाइन मौजूदगी को कम करने की दिशा में पहला कदम है. उन्होंने कहा कि 20 साल पहले (जब अमेरिका ने उसे सत्ता से हटाया) की तुलना में आज तालिबान के पास मीडिया की काफी जानकारी है और इसके ऑनलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर अलकायदा और दूसरे चरमपंथी इस्लामिक गुटों को 'मोबिलाइज' करते हैं.
ट्विटर ने तालिबान के अकाउंट्स को नहीं हटाया है और संगठन के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद के 3 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं. कंपनी ने मंगलवार को कहा था कि जब तक ऐसे अकाउंट उनके नियमों का उल्लंघन नहीं करते हैं और हिंसा को बढ़ावा नहीं देते हैं, तो वे बने रहेंगे. वहीं फेसबुक की तरह, गूगल का यूट्यूब भी तालिबान को आतंकी संगठन मानता है और उसे अकाउंट चलाने से रोकता है. तालिबान अमेरिका की विदेशी आतंकी संगठनों की सूची में नहीं है, लेकिन यूएस ने उस पर प्रतिबंध लगा रखा है.


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