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भारत और मंगोलिया की अध्यात्मिक पड़ोसी के रूप में व्याख्या की थी।
भगवान बुद्ध (Lord Buddha) के चार पवित्र अवशेषों के साथ केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Union Minister Kiren Rijiju) के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगोलिया की राजधानी उलानबटार में स्थित गंदेन तेगचेनलिंग मठ (Ganden Tegchenling Monastery) पहुंचा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि यह भारत सरकार की ओर से एक बहुत ही खास इशारा है। यहां की मुख्य बुद्ध प्रतिमा को 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपहार में दी थी।
प्रदर्शनी के लिए रखे जाएंगे अवशेष
The Relics which I have carried from India will be kept here for public exposition for 11 days & Mongolian Buddha Relics will also be kept together... Mongolians are deeply connected with India; they look up to India as a source of Buddhism, wisdom & knowledge: Union Min K Rijiju pic.twitter.com/UUHahlSGOE
— ANI (@ANI) June 13, 2022
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया, 'मैं भारत से जो अवशेष लेकर आया हूं, उन्हें यहां 11 दिनों तक सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा और मंगोलियाई बुद्ध अवशेष भी साथ में रखे जाएंगे.' उन्होंने कहा, 'मंगोलियाई भारत के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। वे भारत को बौद्ध धर्म, ज्ञान और ज्ञान के स्रोत के रूप में देखते हैं।'
12 जून को मंगोलिया के लिए रवाना हुआ प्रतिनिधिमंडल
बता दें, भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को 14 जून को पड़ने वाले मंगोलियाई बुद्ध पूर्णिमा के समारोहों के हिस्से के रूप में 11 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए भारत से मंगोलिया ले जाया गया है। कानून एवं विधि मंत्री किरेन रिजिजू के नेतृत्व में पवित्र अवशेषों के साथ एक 25 सदस्यीय शिष्टमंडल 12 जून को मंगोलिया के लिए रवाना हुआ। यह यात्रा भारत और मंगोलिया के संबंधों में एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और अध्यात्मिक संबंधों को और बढ़ावा देगा।
पवित्र अवशेषों का प्रदर्शन गंदेन मठ के परिसर में बटसागान मंदिर में किया जाएगा। बुद्ध के पवित्र अवशेष वर्तमान में राष्ट्रीय संग्रहालय में रखे गए हैं, जिन्हें 'कपिलवस्तु अवशेष' के नाम से जाना जाता है।
मंगोलिया का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी
किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा मंगोलिया का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने 2015 में गंदान मठ का दौरा किया था तथा हम्बा लामा को एक बोधि वृद्ध का पौधा भी भेंट किया था। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने बौद्ध संबंधों की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने मंगोलिया की संसद को संबोधित करते हुए भारत और मंगोलिया की अध्यात्मिक पड़ोसी के रूप में व्याख्या की थी।
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