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रूस और यूक्रेन जंग को लेकर यूएन अधिकारी का बड़ा दावा

Neha Dani
17 Oct 2022 8:39 AM GMT
रूस और यूक्रेन जंग को लेकर यूएन अधिकारी का बड़ा दावा
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आंकड़ा 3,000,000 के आसपास है।
ढाका : रूस और यूक्रेन जंग की कीमत सिर्फ दोनों तरफ के सैनिकों को ही नहीं चुकानी पड़ रही है बल्कि इसका खामियाजा यूक्रेनी बच्चों और औरतों को भी भुगतना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एक अधिकारी ने शुक्रवार को दावा किया कि यूक्रेन की महिलाओं के साथ रेप और 'बर्बरता' करने के लिए रूसी सैनिकों को वियाग्रा दिया रहा है। यूएन अधिकारी के दावे का जिक्र करते हुए बांग्लादेश की लेखिका और कार्यकर्ता तसलीमा नसरीन ने रविवार को 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटनाओं का मुद्दा उठाया। आठ महीने से चल रहे युद्ध में पहले भी कई बार यूक्रेनी महिलाओं पर रूसी अत्याचार की खबरें सामने आ चुकी हैं।
संघर्ष में यौन हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि यह एक 'जानबूझकर इस्तेमाल की जाने वाली तरकीब' और 'सैन्य रणनीति' का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जब महिलाओं को कई दिनों तक बंधक बनाकर रखा जाता है और रेप किया जाता है, जब बच्चों और पुरुषों के साथ बलात्कार किया जाता है, जब आप जननांग विकृति की एक पूरी श्रृंखला देखते हैं, जब आप महिलाओं के साथ वियाग्रा से लैस रूसी सैनिकों की बर्बरता के बारे में सुनते हैं, तो यह स्पष्ट रूप से एक सैन्य रणनीति का हिस्सा होता है।
पाकिस्तानी सेना पर लगाया बड़ा आरोप
पैटन के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए नसरीन ने ट्वीट किया, 'रूस यूक्रेनियों का रेप करने के लिए सैनिकों को वियाग्रा दे रहा है। यह रूसी 'सैनिकों की रणनीति' का हिस्सा है और 'पीड़ितों को अमानवीय बनाने की सोची-समझी तरकीब' है। रूसी सेना ने वियाग्रा के साथ अब तक 100 यूक्रेनियों का बलात्कार और टॉर्चर किया होगा। लेकिन पाकिस्तानी सेना ने 1971 में बिना वियाग्रा के 200,000 बंगाली महिलाओं के साथ रेप किया था।'
1971 में बलात्कार का आंकड़ा अलग-अलग
हालांकि पाकिस्तानी सेना को लेकर नसरीन के दावों में कितनी सच्चाई है, कहा नहीं जा सकता। लेकिन अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार बड़े पैमाने पर बलात्कार हुए थे लेकिन इनकी संख्या निर्धारित नहीं है। कुछ दस्तावेजों में इनकी संख्या 2 से 4 लाख बताई जाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1971 के युद्ध के समय मारे गए लोगों की संख्या का अनुमान अलग-अलग है। पाकिस्तान सरकार के आयोग के अनुसार लगभग 26,000 लोग मारे गए, वहीं बांग्लादेशी इतिहासकारों के मुताबिक यह आंकड़ा 3,000,000 के आसपास है।


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