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यूक्रेन ने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने का किया एलान
कीव, रायटर। रूस और यूक्रेन के बीच बीते कुछ समय से तनाव का माहौल है, जिसकी बड़ी वजह यूक्रेन के कब्जे वाले क्रीमिया पर रुस का नियंत्रण होने के साथ नाटो संगठन भी है। यही नहीं कई और अन्य कारणों के चलते दोनों देशों के बीच तनातनी आए दिन बढ़ रही है। रुस के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच यूक्रेन ने एक बड़ी घोषणा की है, जिसमें उसने सैन्य ताकत बढ़ाने का एलान किया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को एक फैसले पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत अगले तीन वर्षो में यूक्रेन की सैन्य क्षमता एक लाख कर दी जाएगी। इसके अलावा सैनिकों के वेतन में भी इजाफा किया जाएगा। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रुस के साथ अपने तनाव को अलग करते हुए, यह स्पष्ट किया कि देश की सैन्य ताकत बढ़ाने का रुस के साथ कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा, 'इस फैसले का कतई यह मतलब नहीं कि रूस के साथ युद्ध नजदीक है।' सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, 'राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें तनाव लेने के बजाय शांत और एकजुट रहना चाहिए तथा रूस के साथ जारी तनाव का राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए।' आपको बता दें कि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह बयान ऐसे समय में दिया गया है, जब वह रूस के साथ जारी तनाव को कम करने और अपने देश के लिए अतंरराष्ट्रीय समर्थन पाने के उद्देश्य से ब्रिटेन, नीदरलैंड्स और पोलैंड के प्रधानमंत्रियों की मेजबानी करने वाले हैं।
यूक्रेन और रुस की सेना
फिलहाल यूक्रेन की सेना में 2 लाख 50 हजार सैनिक हैं, जबकि रूस की बात की जाए तो उसके पास सैनिकों की संख्या 9 लाख है और अत्याधुनिक उपकरण यूक्रेन से कहीं ज्यादा है।
वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन से जुड़ते हुए कीव की यात्रा परआए पोलिश प्रधान मंत्री माटुस्ज़ मोराविकी ने कहा कि वारसा यूक्रेन को गैस और हथियारों की आपूर्ति के साथ-साथ मानवीय और आर्थिक सहायता में मदद करेगा।
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