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लंदन। हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यूके की सेना के पास न तो मिसाइल हैं, न ही पनडुब्बी हैं, फिर रूस की सेना से मुकाबला कैसे होगा। इसी वजह से यूके के पीएम की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। यूके की संसद में आई एक रिपोर्ट ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को परेशान कर दिया है। इस रिपोर्ट ने ब्रिटिश सेनाओं की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट में सेनाओं की ताकत का मूल्यांकन किया गया है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब यूक्रेन और रूस आमने सामने हैं। इसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि ब्रिटेन के पास टियर-1 सशस्त्र बल या रूस और चीन जैसे देशों के खिलाफ देश की रक्षा के लिए जरूरी मारक क्षमता का अभाव है। इसमें लिखी गई बातें काफी गंभीर हैं और विशेषज्ञों के मुताबिक सुनक को इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूके की सेनाएं पूरी तरह से खोखली हैं। क्योंकि आधुनिकीकरण कार्यक्रम के नाम पर जो फंड दिया गया, वह इसके लिए का कम था। इसने ब्रिटिश बलों की क्षमता में कमियों को सामने लाकर रख दिया है। इसके मुताबिक सेनाओं के पास ऐसे उपकरण हैं जो काफी पुराने पड़ चुके हैं। साथ ही उनके पास जरूरी वायु और मिसाइल रक्षा क्षमताओं की कमी, अपर्याप्त गोला-बारूद, क्लोज सपोर्ट यूनिट्स का अभाव और साथ ही एयर ट्रांसपोर्टेशन की भी भारी कमी है।
इधर हाउस ऑफ कॉमन्स की रक्षा समिति की इस रिपोर्ट को आंखें खोल देने वाला सच करार दिया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नाटो के कई देश इस बात से वाकिफ हैं कि उनके पास बड़े स्तर पर रूस के बराबर रक्षा उत्पादन जैसी क्षमता नहीं है। थिंक-टैंक, ह्यूमन सिक्योरिटी सेंटर की तरफ से इस बारे में समिति को ऐसे सबूत दिए गए हैं जो युद्ध स्तर पर यूके की सेनाओं की तैयारियों पर आशंका जाहिर करती है। अप्रैल 2023 में ब्रिटिश संसद ने बलों की तैयारियों का पता लगाना शुरू किया था।
थिंक टैंक की तरफ से टाइप -26 फ्रिगेट, एस्ट्यूट-क्लास पनडुब्बी और फ्लीट सॉलिड सपोर्ट शिफ्ट प्रोग्राम जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में देरी के बारे में समिति को बताया गया है। ब्रिटिश सेना के पास पनडुब्बियों, हेलीकाप्टरों और रॉयल मरीन की भी भारी कमी है। इसकी वजह से यहां की सेनाएं युद्ध के लिए जरा भी तैयार नहीं हैं। वायुसेना यानी रॉयल एयरफोर्स तो पूरी तरह से बिखरी हुई है। एयर पेट्रोलिंग और एयरबॉर्न क्षमताएं जीरो हैं। रॉयल एयर फोर्स के पास दुश्मन की हवाई रक्षा/शत्रु वायु रक्षा का जवाब देने के लिए संसाधन ही नहीं हैं।
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