जनता से रिश्ता वेबडेस्क | तुर्किए चुनाव आयोग के अनुसार, करीब 85 फीसदी मतगणना के बाद राष्ट्रपति एर्दोगन को करीब 53.15 फीसदी वोट मिले हैं। जबकि, कमाल को 46.85 फीसदी मत मिले हैं। एर्दोगन ने कलचदारलू से बढ़त बना ली है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किलिकडारोग्लू को उनके गृहनगर टुनसेली में सबसे ज्यादा वोट मिले।
तुर्किए के राष्ट्रपति चुनावों की गिनती जारी है। वर्तमान राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन एक बार फिर पद की दौड़ में है। कमाल कलचदारलू इस बार उन्हें कड़ी चुनौती दे रहे हैं। हालांकि, एर्दोगन फिलहाल रेस में आगे हैं।
तुर्किए चुनाव आयोग के अनुसार, करीब 85 फीसदी मतगणना के बाद राष्ट्रपति एर्दोगन को करीब 53.15 फीसदी वोट मिले हैं। जबकि, कमाल को 46.85 फीसदी मत मिले हैं। एर्दोगन ने कलचदारलू से बढ़त बना ली है। लोकल मीडिया के अनुसार, 56 फीसदी गिनती के बाद एर्दोगन को 56 फीसदी वोट मिले थे और कमाल ने 44 फीसदी वोट जीते थे। वहीं दूसरी लोकल मीडिया के अनुसार, 52 फीसदी मतपेटियों की गिनती के बाद कमाल को 51 फीसदी मत मिले तो एर्दोगन को 49 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं। अलग-अलग मीडिया संस्थान अलग-अलग रिपोर्ट जारी कर रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किलिकडारोग्लू को उनके गृहनगर टुनसेली में सबसे ज्यादा वोट मिले।
तुर्किए में प्रथम चरण का चुनाव 14 मई को हुआ था। प्रथम चरण के अनुसार, एर्दोगन को 49.24 फीसदी तो कमाल को 45.07 प्रतिशत वोट मिले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, तीसरे प्रतिद्वंदी सिनेन ओगन सिर्फ 5.28 फीसदी मत ही जीत सकें। किसी भी उम्मीदवार को स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण रनऑफ किया गया। बता दें, तुर्किए के चुनाव आयोग ने पहले चरण के दौरान सभी पार्टियों की स्थिति के बारे में जानकारी साझा की थी। लेकिन अब तक नतीजों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई। 15 मई 2023 को तुर्किए चुनाव बोर्ड के प्रमुख अहमत येनर ने कहा था कि देश के भीतर लोगों के 71.64 प्रतिशत वोट और विदेश से 18.76 प्रतिशत वोट उसके सिस्टम में दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि सिस्टम में कुल 69.12 प्रतिशत वोट दर्ज किए गए हैं।
पूरे यूरोप में 34 लाख तुर्किये वासियों ने अपने को मतदाता के तौर पर रजिस्टर कराया है। इनमें सबसे ज्यादा लगभग 15 लाख जर्मनी में हैं। उसके बाद फ्रांस का नबर है, जहां तकरीबन चार लाख तुर्किये वासियों ने मतदान के लिए अपना नाम दर्ज कराया था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवासी तुर्किये वासियों में इस चुनाव को लेकर गहरा विभाजन देखा गया। बड़ी संख्या में इन लोगों ने राष्ट्रपति आर्दोआन के पक्ष में मतदान किया, जबकि उनके विरोधी कमाल किलिचदारग्लू को वोट देने वाले मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी रही है।