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इसकी अनुमति दे दी. तब से इसकी खोपड़ी यूं ही म्यूजियम में रखी गई है.
आमतौर पर अपराधियों को क्राइम के हिसाब से सख्त से सख्त सजा दी जाती है, ताकि कोई दूसरा उस तरह की वारदात न करे. लेकिन पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में एक सीरियल किलर का सिर करीब 181 साल से जार में सुरक्षित रखा गया है. इसे देखकर हर कोई हैरान होता है. लोगों के समझ में नहीं आता कि आखिर क्या है वजह है कि एक अपराधी के सिर को इतना संभालकर रखा गया है. आइए हम आपको बताते हैं इसके पीछे की असल वजह और जानते हैं कितना खतरनाक था यह सीरियल किलर.
जॉब नहीं मिली तो निकल पड़ा क्राइम के रास्ते पर
रिपोर्ट के मुताबिक, इस सीरियल किलर का नाम डियोगो एल्विस (Diogo Alves) है. डियोगो एल्विस का जन्म सन 1819 में स्पेन के गेसेलिया शहर में हुआ था. बड़ा होकर वह काम की तलाश में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंचा. यहां काफी ढूंढने के बाद भी नौकरी नहीं मिली. काम की तलाश के दौरान वह कुछ ऐसे क्रिमनल्स से मिला जो बिना काम के ऐशो आराम से रहते थे. ये लोग छोटे-मोटे क्राइम करते थे. इसके बाद डियोगो ने भी सोचा कि वह अब जुर्म की दुनिया में कदम रखकर खूब पैसा कमाएगा. उसने लूटपाट शुरू कर दी.
लालच बढ़ने पर बड़े क्राइम की तरफ चला गया
पैसा आने लगा तो उसकी लालच भी बढ़ने लगी. उसने अब और बड़ा क्राइम करने की सोची. इसके लिए उसने कुछ रिसर्च भी किया. उसने पाया कि लिस्बन में 213 फुट ऊंचा एक पुल है. इससे आउटर एरिया के लोग आवाजाही करते हैं. इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किसान करते हैं. वह यहां से फसल लेकर मंडी में बेचकर इसी रास्ते से शाम को निकलते हैं. डियोगो ने इन्हीं किसानों को लूटने का प्लान बनाया. उसने सबसे अंत में जाने वाले किसान को लूटने का प्लान रखा. वह किसानों को लूटता था और फिर उन्हें पुल से नीचे धक्का दे देता था. क्योंकि पुलिस की ऊंचाई इतनी अधिक थी कि यहां से गिरकर मरना तय है. इसके अलावा गिरकर मरने से पुलिस इसे आत्महत्या मानती थी. वह कई दिनों तक ऐसा करता रहा. विरोध करने पर वह कुछ किसानों को चाकू मार देता था और फिर नीचे फेंकता था. इस तरह जब इलाके में करीब 30 किसान लापता हो गए तो पुलिस तक बात पहुंची. पुलिस को लगा कि किसान घाटे की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं. पुलिस ने जांच बंद कर दी.
किसानों को लूटकर मार देता था
पुलिस के जांच बंद करते ही किसान फिर से गायब होने लगे. करीब 20 किसान और गायब हो चुके थे. पुलिस ने फिर जांच शुरू की तो पता चला कि कई किसान ऐसे भी मरे हैं जो आर्थिक रूप से मजबूत थे और कोई दिक्कत नहीं थी. ऐसे में सवाल उठा कि जो किसान ठीक हैं आखिर वह आत्महत्या क्यों करेंगे. पुलिस ने जांच के तहत पुल को कुछ दिन के लिए बंद करा दिया. पुल बंद होते ही किसानों का गायब होना भी बंद हो गया. इससे पुलिस का शक और गहरा गया. पुलिस ने पुल के नीचे तलाशी लेने का फैसला किया. गहन चेकिंग चली तो पुलिस को कई ऐसे किसानों की लाशें मिलीं जिनके शरीर पर चाकू के निशान भी थे. अब पुलिस को भरोसा हो गया कि ये सभी मर्डर हैं. पुल वाला प्लान रुका तो डियोगो ने लिस्बन के मशहूर डॉक्टर के यहां धावा बोला, लूट के दौरान डियोगो ने डॉक्टर की हत्या कर दी. अब पुलिस पर उसे पकड़ने का दबाव था. इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पकड़े जाने के बाद डियोगो ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. डियोगो ने पूछताछ में बताया कि उसने कई लोगों को मौत के घाट उतारा है, लेकिन उसे 70 किसानों तक की गिनती याद है.
इसलिए रखा गया सिर
इतने बड़े सीरियल किलर को लेकर पूरे देश में गुस्से की लहर थी. कोर्ट ने फरवरी 1841 में इसे फांसी की सजा सुनाई. फांसी की तारीख तय होने के बाद कुछ डॉक्टरों ने कोर्ट और सरकार से डियोगो के दिमाग पर रिसर्च करने के लिए उसका सिर अपनने पास रखने की मांग की. रिसर्चर्स जानना चाहते थे कि ऐसे किलर की सोच कैसी रहती है. सरकार ने डॉक्टरों को इसकी अनुमति दे दी. तब से इसकी खोपड़ी यूं ही म्यूजियम में रखी गई है.
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