रूस यूक्रेन युद्ध अब 8वें महीने में प्रवेश कर चुका है. युद्ध खत्म होने की कोई भी संभावना नजर नहीं आती. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले दिनों देश में आंशिक लामबंदी की घोषणा करके युद्ध खत्म होने की सारी उम्मीदें खत्म कर दीं. आंशिक लामबंदी यानी आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा. पुतिन ने 3,00,000 'रिजर्विस्ट' (आरक्षित सैनिक) की आंशिक तैनाती की योजना बनाई है. उनके इस आदेश के बाद से ही देश में अफरातफरी का माहौल है. तेजी से लोग रूस छोड़ रहे हैं और कई छोड़ने का प्लान बना रहे हैं. सभी इंटरनैशनल टिकट बुक हो चुके हैं.
बॉर्डर पर लंबी कतारें
रूस में पैनिक किस कदर है इसका अंदाजा इसी बाद से लगाया जा सकता है कि रूस से लगे दूसरे देशों के बॉर्डर पर रूसी नागरिकों की कतारें लगी हैं. लोग किसी तरह रूस से बाहर निकलना चाह रहे हैं. इंटरनेशनल टिकट न मिलने पर लोग दूसरे साधन तलाश रहे हैं. कई लोग निजी विमानों में सीट बुक कर रहे हैं और इसके लिए कई गुना ज्यादा पैसा खर्च कर रहे हैं.
टिकट के दाम कई गुना बढ़े
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अफरातफरी में वे लोग जिनके पास पैसा है वो अर्मेनिया, तुर्की और अजरबैजान तक पहुंचने के लिए निजी विमानों में बुकिंग कर रहे हैं और इसके लिए एक टिकट पर 17 से 22 लाख रुपये चुका रहे हैं. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, आठ सीटों वाले जेट को किराए पर लेने की कीमत 80000 पाउंड से लेकर 140,000 पाउंड के बीच पहुंच गई है, जो सामान्य लागत से कई गुना अधिक है. वहीं ब्रोकर जेट कंपनी योर चार्टर के निदेशक येवगेनी बीकोव का कहना है कि, अभी बहुत बुरी स्थिति है. पहले हमारे पास एक दिन में 50 बुकिंग आती थी, लेकिन अभी यह एक दिन में करीब 5 हजार तक पहुंच गई है. एक अन्य निजी जेट फर्म फ्लाईवे का कहना है कि आर्मेनिया, तुर्की, कजाकिस्तान और दुबई के लिए एकतरफा उड़ानों की डिमांड 50 गुना तक बढ़ गई है.