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बदलाव को ट्रैक करने के लिए वार्षिक आधार पर मलबे में लौटने की योजना बना रहा है.
साल 1912 को समुद्र में डूबने वाला टाइटैनिक (Titanic) अक्सर चर्चा का विषय बना रहता है. समुद्र में डूबने से चंद रोज पहले ये जहाज इंग्लैंड से अमेरिका के लिए रवाना हुआ था. अपने पहले सफर पर निकला खूबसूरत जहाज जो दिखने में बेहद शानदार था, निश्चित रूप से डूबने के लायक तो नहीं था, न ही इसमें सफर करने वाले यात्री और कमर्चारी. आज से 110 साल पहले समुद्र में डूबे इस जहाज की कुछ फुटेज और तस्वीरें सामने आई हैं. जो रिलीज होते ही सुर्खियों में हैं.
टाइटैनिक के मलबे की नई तस्वीरें 110 साल बाद जारी की गई हैं. इन्हें हाल ही में जारी किया गया है. इनकी खासियत ये है कि ये तस्वीरें हाई रेजोल्यूशन में जारी की गई हैं. आपको बताते चलें कि ओशनगेट एक्सपीडिशन (OceanGate Expeditions) नाम की एक्सप्लोरेशन कंपनी ने इसे रिलीज किया है. इस कंपनी का मकसद लोगों को टाइटैनिक और दूसरे समुद्री रहस्यों से लोगों को रूबरू करवाना है. इन नई तस्वीरों में जो दिख रहा है, वो काफी डिटेल में नए फीचर्स के साथ दिख रहा है.
टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा भाप से चलने वाला यात्री जहाज था. जो 14 अप्रैल 1912 को एक आइसबर्ग से टकरा कर यह डूब गया. डेली स्टार के मुताबिक ये वीडियो 110 साल पहले 1912 में टाइटैनिक के डूबने के बाद से अपनी तरह का पहला वीडियो है. इस वीडियो को डाइविंग टूरिस्ट कंपनी ओशनगेट एक्सपेडिशन्स ने कैप्चर किया है और इसे यूट्यूब पर पोस्ट किया गया है. हाई रिज़ॉल्यूशन रंगों में आश्चर्यजनक स्तर का विवरण प्रदान करता है, कुछ ऐसा जो 1912 में टाइटैनिक के डूबने के बाद से कभी नहीं देखा गया है.
टाइटैनिक एक्सपर्ट रॉय गोल्डन के मुताबिक, अब जो तस्वीरें आई है वो ऐसी डिटेल्स दिखा रही है, जो आज नहीं देखी गई. इसमें एंकर मेकर का नाम साफ दिख रहा है, जो कभी किसी को नहीं पता चल पाया था. रॉय ने कई बार समुद्र के नीचे इसकी स्टडी के लिए गोते लगाए लेकिन इतनी डिटेलिंग वो कभी पता नहीं लगा पाए.
वहीं ओशनगेट एक्सपेडिशन के प्रेसिडेंट स्टॉकटन रश ने कहा, '8 हजार रेजोल्यूशन वाले फुटेज में अद्भुत विवरण वैज्ञानिकों और समुद्री पुरातत्वविदों की टीम को टाइटैनिक के बर्बाद और तबाह होने को और अधिक सटीक रूप से चित्रित करने में मदद करेगा क्योंकि हम 2023 और उसके बाद के नए फुटेज को कैप्चर कर रहे हैं.'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने इसी साल मई में नॉर्थ अटलांटिक में 8 दिन के मिशन में इस वीडियो को कैप्चर किया था. ओशनगेट अब समय के साथ पोत की स्थिति में बदलाव को ट्रैक करने के लिए वार्षिक आधार पर मलबे में लौटने की योजना बना रहा है.
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